CM Jan Sewa Mitra Yojna | रोजगार के लिए भटक रहे युवा
जनसेवा मित्रों की भर्ती 6 महीने के लिए की गई थी, जिसके बाद में उनका कार्यकाल 6 महीने और बढ़ा दिया गया था। इस योजना में प्रदेश भर के 9 हजार से ज्यादा युवा अपना काम धंधा छोड़कर जुड़ गए, और सरकार ने उन्हें एक साल के कार्यकाल का 10 हजार रुपए मानदेय दिया।
आज हम आपके सामने मप्र सरकार की एक ऐसी योजना की खबर लेकर आए हैं जिसे विधानसभा चुनाव से पहले तो खूब जोर शोर के साथ पेश किया गया...लेकिन अब उस योजना का हाल ऐसा हो गया है कि पूछिए ही मत...हम बात कर रहे हैं...मुख्यमंत्री जनसेवा मित्र योजना की। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इस योजना को लॉन्च किया था ताकि युवाओं को रोजगार मिले और सरकार की योजनाएं आम जनता तक पहुंचे...लेकिन सरकार की योजनाएं जनता तक पहुंचाने वाले ही अब इस योजना की ठगी का शिकार हो गए...और अब यही जनसेवा मित्र सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि हे सरकार हमें स्थाई रोजगार दो...आखिर क्या है पूरा मामला आपको सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं.....
सबसे पहले बात करते हैं कि आखिर ये योजना क्या है....
मुख्यमंत्री जन सेवा मित्र योजना की शुरूआत फरवरी 2023 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ( Shivraj singh chouhan ) ने की थी। इस योजना का मकसद राज्य के युवाओं को सरकारी विभागों में विकास योजनाओं से जुड़े काम करने का मौका देना और सरकार की योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाना था। इन जनसेवा मित्रों की भर्ती 6 महीने के लिए की गई थी...जिसके बाद में उनका कार्यकाल 6 महीने और बढ़ा दिया गया था। इस योजना में प्रदेश भर के 9 हजार से ज्यादा युवा अपना काम धंधा छोड़कर जुड़ गए...और सरकार ने उन्हें एक साल के कार्यकाल का 10 हजार रुपए मानदेय दिया। लेकिन बीते 31 जनवरी को उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं.