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RSS- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने 1925 से लेकर आज तक एक सदी का सफर तय किया है, जिसकी शुरुआत चरित्र निर्माण और संगठन की मजबूत नींव से हुई थी। इस यात्रा में इसने विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक चुनौतियों का भी सामना किया।
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डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार (1925-1940)
डॉ. हेडगेवार ने 1925 में संघ की स्थापना करके 'शाखा' की कार्यप्रणाली शुरू की, जिसका मुख्य उद्देश्य स्वयंसेवकों में राष्ट्रीय चरित्र और अनुशासन भरकर संगठन की नींव को मजबूत करना था।
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श्री गुरुजी (1940-1973)
श्री गुरुजी के कार्यकाल में, गांधीजी की हत्या के बाद संघ पर प्रतिबंध लगा, जो एक बड़ी रुकावट थी। हालांकि, उनके नेतृत्व में ABVP और BMS जैसे कई संगठन बनकर संघ का कार्यक्षेत्र व्यापक रूप से फैला।
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बालासाहब देवरस (1973-1994)
बालासाहब देवरस ने सामाजिक समानता पर जोर दिया और उनके समय में 1975 में लगे आपातकाल के खिलाफ संघ ने बड़ा संघर्ष किया, साथ ही BJP की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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रज्जू भैया (1994-2000)
रज्जू भैया पहले प्रोफेसर सरसंघचालक थे, जिन्होंने संघ के विचारों में खुलापन लाया और HSS के जरिए संगठन के काम को विदेशों में तेजी से बढ़ाया।
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के.एस. सुदर्शन (2000-2009)
के.एस. सुदर्शन ने 'स्वदेशी' विचार को सबसे आगे रखा, और उनके समय में संघ ने पहली बार डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनाई।
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डॉ. मोहन भागवत (2009-वर्तमान)
आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत के कार्यकाल में, संघ ने सामाजिक पहुंच और संवाद पर जोर दिया है, और वर्दी में बदलाव कर संगठन को एक आधुनिक पहचान दी है।