Loksabha election | चुनाव में जीत के लिए नेताओं की अलग अलग तरकीब

बसपा के बालाघाट से लोकसभा प्रत्याशी कंकर मुंजारे इन दिनों झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं....वो भी इसलिए क्योंकि उनकी पत्नी अनुभा मुंजारे कांग्रेस प्रत्याशी का समर्थन कर रही हैं...और यही बात कंकर मुंजारे को पंसद नहीं आई। कहा विचारों की लड़ाई लड़ रहे हैं।

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ATUL DWIVEDI
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फसल काटेंगे, खाना खाएंगे, झोपड़ी में रहेंगे क्योंकि चुनाव जीतना है

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कोई खेत में जाकर फसल काट रहा है...तो कोई खेत में ही झोपड़ी तान कर रहने पहुंच गया...और ये तो हद्द ही हो गई...महलों में रहने वाले गरीब के घर खाना खाने पहुंच गए...इन सभी विजुअल को देखकर आप ये तो समझ ही गए होंगे कि नेताजी नेतागीरी कर रहे हैं...क्योंकि फिलहाल देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं...इसी का नतीजा है कि ड्रीम गर्ल कही जाने वालीं हेमा मालिनी ( hema malini ) खेतों में जाकर फसल काट रही हैं....हेमा मालिनी ने ये पहली बार नहीं किया है...इसके पहले भी 2019 के लोकसभा चुनाव में वो खेतों में फसल काटने पहुंच गईं थीं....अब फसल तो कट गई...फसल कटने के बाद बारी आती है खाने की....ज्योतिरादित्य सिंधिया ( jyotiraditya scindia ) गुना लोकसभा ( guna loksabha ) सीट से बीजेपी प्रत्याशी हैं...अब जब सिंधिया चुनावी मैदान में हैं तो उनके बेटे महाआर्यमन ( mahaaryaman ) पिता को चुनाव में जीत दिलाने की भरपूर कोशिश तो करेंगे ही..

इसी का नतीजा है कि महलों के अंदर डाइनिंग टेबल पर गद्देदार कुर्सियों पर बैठकर खाने वाले महाआर्यमन को जब नीचे जमीन पर बैठकर खाना खाना पड़ा तो उन्हें थोड़ी तकलीफ तो जरूर हुई होगी...लेकिन क्या करें...चुनाव है जनता का दिल जीतने के लिए सब करना पड़ता है...अब जरा चलिए एक और राजनीतिक ड्रामे की तरफ...बसपा के बालाघाट से लोकसभा प्रत्याशी कंकर मुंजारे इन दिनों झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं....वो भी इसलिए क्योंकि उनकी पत्नी अनुभा मुंजारे कांग्रेस प्रत्याशी का समर्थन कर रही हैं...और यही बात कंकर मुंजारे को पंसद नहीं आई और नेताजी ने 19 अप्रैल तक अपना ठिकाना झोपड़ी को बना लिया..क्योंकि वो विचारों की लड़ाई लड़ रहे हैं....खेत, खाना झोपड़ी की बातें तो बहुत कर लीं...अब जाते जाते बात कर लेते हैं...सफाई की...इंदौर सफाई में नंबर वन है...तो कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांती बम सफाईकर्मियों की आरती ही उतारने लगें....उनके मन में सफाईकर्मियों के लिए भरपूर स्नेह और सम्मान होगा...हम इस बात से इनकार नहीं कर रहे हैं...लेकिन स्नेह और सम्मान लोकसभा चुनाव के दौरान ही इतना क्यों जाग रहा है ये जनता अच्छी तरह समझती है...खैर ये सब तो चलता ही रहेगा..क्योंकि कोई भी नेता जनता के बीच बुरा नहीं बनना चाहता..लेकिन चुनाव के बाद इन्हीं नेताओं को न जाने क्या हो जाता है।

Jyotiraditya Scindia Hema Malini loksabha election mahaaryaman