Mahashivratri 2024 | भगवान शिव और माता पार्वती की ऐसे करें पूजा
दरअसल महाशिवरात्रि वह महारात्रि है जिसका शिव तत्व से गहरा सम्बन्ध है। यह पर्व शिव के दिव्य अवतरण का मंगल सूचक है। भगवान शिव के निराकार से साकार रूप में अवतार लेने की रात्रि ही महाशिवरात्रि कहलाती है।
दरअसल महाशिवरात्रि ( Mahashivratri ) वह महारात्रि है जिसका शिव तत्व से गहरा सम्बन्ध है। यह पर्व शिव के दिव्य अवतरण का मंगल सूचक है। भगवान शिव के निराकार से साकार रूप में अवतार लेने की रात्रि ही महाशिवरात्रि कहलाती है। वह हमें काम, क्रोध, लोभ, मोह, आदि विकारों से मुक्त करके परम सुख शान्ति और ऐश्वर्य प्रदान करते हैं । महाशिवरात्रि से जुड़ी जो कथाएं हैं उनके मुताबिक महाशिवरात्रि पर भगवान शिव और देवी मां पार्वती का मिलन हुआ था। फाल्गुन चतुर्दशी तिथि पर भगवान शिव ने वैराग्य छोड़कर देवी पार्वती संग विवाह करके गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था। इसी वजह से हर वर्ष फाल्गुन चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की खुशी में महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। जबकि दूसरी पौराणिक कथा कहती है कि ,फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर भगवान शिव सबसे पहले शिवलिंग के स्वरूप में प्रगट हुए थे। इसी कारण से इस तिथि को पर भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग के प्रकाट्य पर्व के रूप में हर वर्ष महाशिव रात्रि के रूप में मनाया जाता है।