संजय शर्मा की रिपोर्ट
एक फिल्म का बड़ा ही मशहूर गाना है...ये तेरा घर, ये मेरा घर ये घर बहुत हसीन है....लेकिन इसी हसीन घर के सपने को पाने की चाहत लिए जब लोग बिल्डर्स ( Builders ) और सरकार के प्रोजेक्ट के पास जाते हैं तो उन्हें ठगा जाता है.....दरअसल गाइडलाइन की अनदेखी करने और डॉक्यूमेंट में गड़बड़ी के चलते रेरा यानी भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (RERA) ने बिल्डर्स और कॉलोनाइजर्स के 63 प्रोजेक्ट पूरे प्रदेश में रोक दिए हैं...इनमें सबसे बड़ी बात ये है कि इन प्रोजेक्ट में भोपाल और इंदौर के 12 और 18 हाउसिंग प्रोजेक्ट भी शामिल हैं...यानी सरकारी संस्थाएं भी नियमों की अनदेखी करने में पीछे नहीं है और इसमें नुकसान हो रहा है सिर्फ और सिर्फ घर खरीदने वाले बायर्स का। होम बायर्स की बढ़ती शिकायतों के चलते रेरा ने हाउसिंग प्रोजेक्ट पर कड़ी निगरानी रखना शुरू किया है....डॉक्यूमेंट की जांच बेहद बारीकी से की जा रही है...इसीलिए MPHIDB जैसी सरकारी संस्थाओं को भी रेरा ने सबक सिखाया है। सबक सिखाना इसलिए भी जरूर हो गया था क्योंकि बार बार बिल्डर्स, कॉलोनाइजर्स, MPHIDB जैसी संस्थाओं को गलतियां सुधारने का मौका दिया गया लेकिन जब बार बार मौका देने के बाद भी प्रोजेक्ट्स में लापरवाही की गई तब रेरा को कार्रवाई करनी पड़ी। अकेले 2024 में ही रेरा ने अपने पास परमिशन के लिए पहुंचे 63 हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को रोक दिया है....बात अगर राजधानी भोपाल की ही करें तो....
साल 2024 में जनवरी से मार्च के बीच प्रदेश में RERA ने कुल 63 हाउसिंग प्रोजेक्ट रद्द किये हैं। इनमें भोपाल में शुरू होने वाले तीन प्रोजेक्ट MPHIDB का खजुरी कलां में 147 रो-हाउस, नगर निगम और BDA के दो हाउसिंग फॉर ऑल भी हैं। वहीं जबलपुर में दमोह रोड पर JDA के ISBT काम्प्लेक्स को भी अनुमति नहीं मिली है। ग्वालियर के साथ साथ दूसरे शहरों में भी MPHIDB, स्थानीय नगरीय निकाय और विकास प्राधिकरणों के प्रोजेक्ट अमान्य किये गए हैं। दस्तावेजों की कमी, त्रुटिपूर्ण जानकारी, कंस्ट्रक्शन साइट के प्लान और जमीन के भ्रामक नक़्शे- खसरों के चलते ये कार्रवाई की गई।
अब आइए आपको शहरों के हिसाब से बताते हैं कि किस शहर में कितने प्रोजेक्ट रेरा ने रोक दिए हैं...
इंदौर -18
भोपाल -12
ग्वालियर -01
जबलपुर -11
रतलाम-02
छिंदवाड़ा-01
देवास- 02
धार-02
गुना- 01
खरगोन -01
नीमच -02
प्राइवेट बिल्डर्स- कॉलोनाइजर्स पर तो प्रोजेक्ट को लेकर तमाम तरह के आरोप हमेशा से लगते रहे हैं...लेकिन RERA के पास पहुंच रहे सरकारी संस्थाओं के हाउसिंग प्रोजेक्ट में भी गोलमाल हो रहा है....धड़ाधड़ प्रोजेक्ट लांच करने की जल्दबाजी ने MPHIDB और नगरीय निकाय जैसी संस्थाओं को भी बिल्डर्स- कॉलोनाइजर्स की कतार में खड़ा कर दिया है...ऐसे ही प्रोजेक्ट की लिस्ट रेरा ने जारी भी की है और लोगों को समझाइश दी है कि अपने सपनों का आशियाना खरीदने से पहले हजार बार सोच लें।