इंटरनेशनल डेस्क. एक आतंकी हमले से पूरा पाकिस्तान दहल गया। खैबर पख्तूनख्वा के बाजौर में एक पॉलिटिकल रैली में ब्लास्ट हुआ। इसमें 35 लोगों की मौत हो गई और 200 से ज्यादा घायल हुए हैं। खार तहसील में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल जमीयत उलेमा इस्लाम फजल की रैली के दौरान ये धमाका हुआ। पुलिस इसे आतंकी हमला बता रही है।
Deadly suicide bombing in Pakistan. Why do these bombings happen in Islamic countries where there is no RSS, no Bajrang Dal, and no BJP?
Who is killing whom? Any idea? pic.twitter.com/RC3DaVczHW
— BALA (@erbmjha) July 30, 2023
JUI-F पार्टी बोली- 35 कार्यकर्ता मारे गए
जमीयत उलेमा इस्लाम फजल की रैली को सीनियर लीडर हाफिज हमदुल्लाह संबोधित करने वाले थे, लेकिन वे किसी कारण ये शामिल नहीं हो पाए। हमले के बाद उन्होंने कहा कि हमारे करीब 35 कार्यकर्ता इस ब्लास्ट में मारे गए हैं। मैं इस घटना की निंदा करता हूं। हमारे हौसले इस तरह के हमलों से कम नहीं होंगे। इस तरह के हमले पहले भी होते रहे हैं। इनकी गहराई से जांच होनी चाहिए। हमें तो किसी तरह की सिक्योरिटी भी मुहैया नहीं कराई जाती। हम इस मसले को संसद में उठाएंगे।
क्या कह रही पुलिस
पुलिस ने बताया कि शाम करीब साढ़े 4 बजे धमाका हुआ था। उस वक्त रैली में काफी भीड़ थी। हमलावर पार्टी के समर्थकों के बीच में ही था। इसे फिदायीन हमला माना जा रहा है।
पाकिस्तान सरकार ने दिए जांच के आदेश
JUI-F के चीफ मौलाना फजल ने हमले के बाद पीएम शाहबाज शरीफ से बात की। उन्हें हमले की पूरी जानकारी दी। पाकिस्तान सरकार ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। फजल ने समर्थकों से कहा कि आप लोग फौरन अस्पताल पहुंचें और घायलों को खून मुहैया कराएं। वहीं पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि ये हमला मुल्क को कमजोर करने की एक और साजिश है। सरकार आतंकियों से निपटने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।
हमले के पीछे किसका हाथ ?
जमीयत उलेमा इस्लाम फजल कट्टर इस्लामी संगठन है। इसके तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और अफगान तालिबान से करीबी रिश्ते माने जाते हैं। तालिबान से हमले की आशंका कम है। अब हमले के पीछे किसका हाथ है ये तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा।