अबू धाबी. अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद देश छोड़कर चले गए राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) अबू धाबी (संयुक्त अरब अमीरात UAE) में हैं। UAE ने उन्हें मानवीय आधार पर शरण दी है। गनी ने UAE से अफगानिस्तान की जनता को संबोधित (video message) किया है। इसमें उन्होंने कहा कि अगर वह तालिबान के कब्जे के बाद काबुल में रहते तो कत्लेआम हो जाता। मेरे पैसे लेकर अफगानिस्तान छोड़ने की बात पूरी तरह से अफवाह है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि गनी काफी पैसा लेकर काबुल से निकले हैं।
मैं अपनी इच्छा खिलाफ देश से निकला- गनी
गनी ने ये भी कहा कि तालिबान (Taliban) से बातचीत की कोशिश की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। मैं शांति (Peace) से सत्ता सौंपना (Power Deliever) चाहता था। अफगानिस्तान छोड़कर मैंने अपने मुल्क के लोगों को खूनी जंग से बचाया है। मैं अपने सुरक्षाबलों और सेना का शुक्रिया अदा करता हूं। मुझे मेरी इच्छा के खिलाफ देश से बाहर भेजा गया। सुरक्षा अधिकारियों की सलाह के बाद ही मैंने यह कदम उठाया, क्योंकि मेरी मौजूदगी से वहां अनहोनी हो सकती थी। भगोड़ा कहने वालों को मेरे बारे में जानकारी नहीं है, जो मुझे नहीं जानते वे फैसला ना सुनाएं।
अमेरिका का गनी पर आरोप
दो दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने अफगानिस्तान में खराब हालात के लिए गनी पर ठीकरा फोड़ा था। उन्होंने कहा था कि गनी अफगानिस्तान को मुश्किल हालात में छोड़कर भाग गए। उनसे पूछा जाना चाहिए कि वे बिना लड़े अपना देश छोड़कर क्यों भागे? अफगानिस्तान के हालात खराब हैं, लेकिन इसके लिए गनी ही जिम्मेदार हैं। अगर वहां बदहाली है तो इसके लिए जिम्मेदार वही हैं। अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान में बहुत जोखिम उठाया। मैं अब अपने सैनिकों की जान खतरे में नहीं डाल सकता। अफगान सेना को अत्याधुनिक हथियार और ट्रेनिंग दी, लेकिन उन्होंने कुछ भी नहीं किया।