अफगानिस्तान में तालिबान हर रोज अपने पैर पसार रहा है। समूह अब तक 90 फीसदी मुल्क पर कब्जे का दावा कर रहा है। धीरे-धीरे तालिबान अब प्रांतीय राजधानी की ओर बढ़ रहा है। पिछले मंगलवार को काबुल के ग्रीन जोन को भी विद्रोहियों ने बम और बंदूकों से दहला दिया।
मातृभूमि के लिए बलिदान करें
पुरुष-प्रधान अफगानिस्तान में एक महिला जिला गवर्नर सलीमा मजारी एक मिशन पर हैं। वह तालिबान से लड़ने के लिए पुरुषों की भर्ती कर रही हैं। लाउडस्पीकर पर जो गीत बज रहा है, उसके बोल हैं- 'Homeland... I sacrifice my life for you' यानी 'मातृभूमि.. मैं तुम्हारे लिए बलिदान देता हूं'। मजारी आजकल लोगों से यही करने के लिए कह रही हैं।
तालिबान के निशाने पर मजारी का समुदाय
मजारी कहती हैं कि तालिबान मानवाधिकारों को रौंदता है। तालिबान शासन के तहत महिलाओं और लड़कियों को शिक्षा और रोजगार से दूर कर दिया गया था। 2001 के बाद से चीजें धीरे-धीरे बदलने लगी थीं। न्यूज एजेंसी एएफपी से बात करते हुए मजारी ने कहा कि समाज एक महिला नेता को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं था। मजारी हजारा समुदाय की सदस्य हैं, जिसमें ज्यादातर शिया मुसलमान हैं और जिसे सुन्नी तालिबान एक 'विधर्मी संप्रदाय' मानता है।