न्यूयॉर्क. अफगानिस्तान संकट पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने चार दिन में दूसरी बार संबोधित किया। 20 अगस्त की रात उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से लोगों को निकाला जा रहा है। जुलाई से अब तक 18 हजार से ज्यादा अमेरिकी लोगों को रेस्क्यू (Rescue) किया जा चुका है। हमने इसके लिए फ्लाइट्स की संख्या भी बढ़ाई है। वहां से सभी लोगों को सुरक्षित (Safely) निकाल लिया जाएगा। काबुल में 6 हजार अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं। हम किसी भी हमले का ताकत के साथ जवाब देंगे। ISIS फिर से खतरा बन सकता है।
अफगानिस्तान इस वक्त बड़े संकट में
बाइडेन ने कहा कि यह निकासी मिशन खतरनाक है, इसमें सिक्योरिटी फोर्सेस के लिए जोखिम है और इसे बेहद कठिन परिस्थितियों में संचालित किया जा रहा है। मैं वादा नहीं कर सकता कि अंतिम नतीजा क्या होगा, लेकिन यह नुकसान के बिना जोखिम के होगा। हमने 20 साल तक अफगानिस्तान के साथ मिलकर काम किया। उन्होंने जेल से निकले आतंकियों की ओर से हमले की आशंका जताते हुए कहा कि जेल से निकले आईएस के आतंकी हमला कर सकते हैं।
G-7 की बैठक में बड़ा फैसला
बाइडेन ने ये भी कहा कि हमारे सैनिक काबुल एयरपोर्ट की सुरक्षा कर रहे हैं। इससे न सिर्फ सैन्य उड़ानें, बल्कि दूसरे देशों के चार्टर विमानों से लोगों को निकाला जा रहा है। अफगानिस्तान में युद्ध खत्म करने का वक्त आ गया था। नाटो देश भी इस फैसले से सहमत थे। अगले हफ्ते G-7 की बैठक में हम बड़ा फैसला लेंगे।
संकट के लिए अफगान राष्ट्रपति जिम्मेदार
अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद बाइडेन ने 16 अगस्त की रात पहली बार देश को संबोधित किया था। इसमें उन्होंने वहां बने हालात कि लिए राष्ट्रपति अशरफ गनी और वहां की लीडरशिप को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था कि मैं मानता हूं कि तालिबान बहुत जल्द काबिज हो गए। अफगान लीडरशिप ने बहुत जल्द हथियार डाल दिए। हमने वहां अरबों डॉलर खर्च किए। अफगान फोर्स को ट्रेंड किया। इतनी बड़ी फौज और हथियारों से लैस लोगों ने हार कैसे मान ली, यह सोचना होगा।