काबुल. अफगानिस्तान में तालिबान का राज आने के बाद संकट लगातार गहरा रहा है। 24 अगस्त को काबुल में यूक्रेन का विमान हाईजैक हो गया है। विमान को ईरान की तरफ ले जाने की खबर है। यूक्रेन के उप विदेश मंत्री येवगेनी येनिन ने ये जानकारी दी है।
यूक्रेनी नागरिकों को लेने गया था विमान
बताया जा रहा है कि 22 अगस्त यानी रविवार को विमान अफगानिस्तान में फंसे यूक्रेनी लोगों को रेस्क्यू करने के लिए काबुल पहुंचा था। उसी दिन अपहरणकर्ताओं ने वारदात को अंजाम दिया। येनिन ने बताया, 'विमान को अज्ञात यात्रियों के साथ ईरान ले जाया गया है। इसमें यूक्रेन के वे लोग नहीं हैं, जिन्हें एयरलिफ्ट करने के लिए हमने विमान भेजा था। अपने लोगों को निकालने की हमारी तीन कोशिशें भी नाकाम रहीं, क्योंकि हमारे लोग काबुल एयरपोर्ट तक नहीं पहुंच पाए।'
काबुल से 78 लोग भारत पहुंचे, गुरु ग्रंथ साहिब की 3 प्रतियां आईं
उधर, काबुल से भारतीयों को सुरक्षित निकालने का सिलसिला जारी है। इसे ऑपरेशन देवी शक्ति नाम दिया गया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि इस मिशन के तहत 24 अगस्त को 78 लोगों को लेकर एयर इंडिया का AI-1956 विमान ताजिकिस्तान की राजधानी दुशान्बे से दिल्ली पहुंचा। इनमें 25 भारतीय और 46 अफगान सिख शामिल थे।
इस विमान में काबुल के गुरुद्वारों से निकाले गए गुरु ग्रंथ साहिब की 3 प्रतियां भी लाई गईं। इन गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप को संभालने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, वी मुरलीधरन और BJP नेता आरपी सिंह पहुंचे थे। इन प्रतियों को दिल्ली के एक गुरुद्वारे में रखा जाएगा।
तालिबान ने गजनी का एंट्री तोड़ा
अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान अब हेरिटेज साइट्स को निशाना बना रहा है। अफगानिस्तान के हालात पर नजर रख रहे लोगों के ट्टिवर अकाउंट से शेयर किए गए एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि आतंकियों ने गजनी प्रांत के एंट्री गेट को क्रेन से तोड़ दिया। ये गेट इस्लामी साम्राज्य की स्थापना की याद में बनाया गया था। ये भी खबर है कि तालिबान ने एक और इलीट यूनिट बनाई है, जिसका नाम विक्ट्री फोर्स या 'फतह' रखा है। तालिबान के हाथ लगे अमेरिकी हथियारों और सैन्य उपकरणों से इस फोर्स को लैस किया गया है। फिलहाल इसकी यूनिट को काबुल में तैनात किया गया है।