अफगान असहाय: तालिबान के कब्जे में 19 राज्य; भारत को चेतावनी- यहां सेना मत भेजना

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अफगान असहाय: तालिबान के कब्जे में 19 राज्य; भारत को चेतावनी- यहां सेना मत भेजना

काबुल. अफगानिस्तान में तालिबान (Taliban) अपने पैर पसारता जा रहा है। अब 34 में से 19 राज्यों पर तालिबान की हुकूमत है। पूरी दुनिया के लिए तो ये चिंता की बात है ही, भारत के लिए यह कुछ ज्यादा है। क्योंकि बीते कुछ सालों से भारत, अफगानिस्तान का मजबूत सहयोगी बनकर सामने आया है। इस बीच तालिबान के प्रवक्ता (Spokesperson) मोहम्मद सुहैल शाहीन ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में भारत को चेतावनी दे डाली। कहा कि अगर भारत हमारे यहां सेना (army) भेजता है तो ये उनके लिए अच्छा नहीं होगा। इस पर भारत ने कहा कि अफगानिस्तान में ताकत के बल पर बनी सरकार को मान्यता नहीं देंगे। भारत के अलावा जर्मनी (Germany), कतर (Qatar), तुर्की (Turkey) समेत अन्य देशों ने अफगानिस्तान में हिंसा और हमले तुरंत रोकने की अपील की है।

तालिबान ने क्या कहा?

कट्टरपंथी संगठन के प्रवक्ता शाहीन ने कहा दूसरे देशों की सेनाओं (अमेरिका, नाटो) का हमारे यहां क्या हश्र हुआ, ये सबके सामने है। हम अपनी जमीन के इस्तेमाल की इजाजत किसी को नहीं देंगे, फिर चाहे ये कोई पड़ोसी देश ही क्यों न हो। कुछ खबरें थीं कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल हमसे चर्चा करेगा, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हुई। हमारी तरफ से किसी देश के दूतावास (Embassy), राजदूत (Ambassador) को कोई खतरा नहीं है। ये चीजें हमारे निशाने पर भी नहीं हैं। अफगानिस्तान और अफगानों के विकास, अर्थव्यवस्था के लिए जो भी किया गया, हम उसकी सराहना करते हैं।

हमने सिखों का झंडा नहीं हटाया- तालिबान

अफगानिस्तान के पक्तिया (Paktia) में गुरुद्वारे से निशान साहिब का झंडा हटाने की घटना पर तालिबान प्रवक्ता का दावा है कि झंडा सिख समुदाय (Sikh Community) ने खुद ही हटाया था। जब हमारे सुरक्षा अधिकारी (Security Officers) वहां गए तो सिख समुदाय ने कहा कि कोई झंडे को नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन हमने उन्हें भरोसा दिया कि ऐसा कुछ नहीं होता तो उन्होंने झंडा फिर से लगा दिया।

फिलहाल तालिबान कहां है?

तालिबान लड़ाके काबुल की सीमा (Border) से लगी लोगार की प्रांतीय राजधानी फूल-ए-आलम में घुस गए हैं। यह राजधानी काबुल से सिर्फ 50 किमी की दूरी पर है। मतलब सिर्फ 2 घंटे में ही काबुल पहुंचा जा सकता है।

काबुल में अफरा-तफरी 

अफगान राजधानी काबुल में अफरा-तफरी है। यहां की एक ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट के मुताबिक, किसी को नहीं पता कि आगे क्या होगा। कोई कह रहा है कि राष्ट्रपति अब्दुल गनी इस्तीफा दे देंगे। कोई कह रहा है कि तालिबान से मुकाबला करेंगे। लोगों की समझ में कुछ नहीं आ रहा। एक अन्य एक्टिविस्ट ने बताया कि अभी तो हम काबुल में सुरक्षित हैं, लेकिन नहीं पता कब तक।

अलकायदा हो सकता है सक्रिय

अफगानिस्तान में एक बार फिरअलकायदा हो सकता है सक्रिय। अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते प्रभाव पर ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वालेस ने 13 अगस्त को कहा कि अफगानिस्तान गृह युद्ध की तरफ बढ़ रहा है। क्षेत्र में हालात लगातार बिगड़ने के साथ आतंकवादी संगठन अल-कायदा संभवत: वापसी करेगा। वह फिर मजबूत होकर फिर सिर उठा सकता है।

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