Bhopal. दुनिया के सबसे शक्तिशाली और प्रगतिशील देशों का संगठन जी-20 की अध्यक्षता भारत करने जा रहा है। भारत में एक दिसंबर 2022 से 1 नवंबर 2023 तक जी-20 शिखर सम्मेलन की 190 से ज्यादा बैठकें होना है। इनमें मध्यप्रदेश से भोपाल और इंदौर को चुना गया है। जी-20 अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए प्रमुख मंच है। बैठक में शामिल होने वाली देश और विदेश के मेहमानों के स्वागत सत्कार के लिए मुख्य सचिव इकबाल सिंह की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। इसके अलावा सारे इंतजामों को देखने के लिए पर्यटन विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है।
क्या है जी-20 ग्रुप
यूरोपियन यूनियन मिलकर जी-20 का निर्माण करते है। इसमें 20 देशों के अध्यक्षों की सालाना बैठक होती है जिसको जी-20 शिखर सम्मेलन के नाम से जाना जाता है। इस सम्मेलन में सभी देशों के मुख्य विषय यानी आतंकवाद, आर्थिक परेशानी, ग्लोबल वॉर्मिंग, स्वास्थ्य और अन्य जरूरी मुद्दों पर चर्चा की जाती है। पूरे दुनिया में जितना भी आर्थिक उत्पादन होता है उसमें 80% योगदान इन्हीं जी 20 देशों का होता है।
ये देश हैं जी20 में
जी20 समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, जर्मनी, फ्रांस, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।
दुनिया की दो तिहाई आबादी जी 20 के पास
दुनिया की दो तिहाई आबादी इन जी 20 देशों के पास है और पूरी दुनिया में जितना भी अंतरराष्ट्रीय ट्रेड होता है उसमें तीन चौथाई हिस्सा इन जी 20 देशों का होता है। 1977 में एक वित्तीय संकट आया था, उस संकट को ध्यान में रखते हुए दुनिया की जो प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं थी। उनको इसका विचार आया कि एक समूह बनना चाहिए और उसके बाद साल 1999 में जी 20 समूह की स्थापना की गई।