इस्लामाबाद. पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में 3 अप्रैल को बड़ा उलटफेर देखने को मिला। प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। करीब आधे घंटे में पाकिस्तान में सियासत की तस्वीर बदल गई। सदन में अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया। डिप्टी स्पीकर ने विदेशी साजिश का आरोप लगाकर आर्टिकल 5 के तहत प्रस्ताव खारिज कर दिया। उधर, पाकिस्तान के मंत्री फारुख हबीब ने बताया कि देश में 90 दिन के अंदर चुनाव हो जाएंगे।
ये बोले इमरान
एक फॉरेन एजेंडा था, डिप्टी स्पीकर ने रिजेक्ट कर दिया। मैं उनके फैसले का सम्मान करता हूं। सारी कौम के सामने गद्दारी हो रही थी। हम किसी साजिश को कामयाब नहीं होने देंगे। मैंने प्रेसिडेंट को मश्विरा भेज दिया है कि असेंबली डिसॉल्व करें। ये फैसला अवाम को करने दें कि वो क्या चाहते हैं। एक चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश की गई थी, वो फेल हो गई।
देश में अब क्या
राष्ट्रपति ने इमरान की सिफारिश मानते हुए संसद भंग कर दी है। लिहाजा चुनाव होने तक इमरान कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहेंगे।
पाकिस्तान में विपक्ष नाराज
इमरान के इस फैसले का बाद विपक्षी पार्टियों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष अध्यक्ष बिलावल भुट्टो का कहना है कि इमरान ने संविधान को तोड़ा है। हम इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। साथ ही सभी विपक्षी पार्टियां संसद के अंदर धरना देंगी।
इससे पहले विपक्षी पार्टियों ने संसद के स्पीकर असद कैसर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था। विपक्षी पार्टियों का कहना था कि कैसर निष्पक्ष होकर कार्यवाही नहीं कर रहे। वहीं, राजधानी इस्लामाबाद में कर्फ्यू भी लगा दिया गया था।
ऐसा है पाकिस्तान में सरकार का गणित
कुल सांसद- 342
बहुमत- 172
इमरान के साथ सांसद- 142
विपक्ष के साथ सांसद- 199