पाकिस्तान में खाने का संकट, इमरान खान ने कहा- तीन महीने मुश्किल भरे

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पाकिस्तान में  खाने का संकट, इमरान खान ने कहा- तीन महीने मुश्किल भरे

इस्लामाबाद. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने माना है कि अगले तीन महीने उनकी सरकार (Imran Khan government ) के लिए काफी मुश्किल भरे हैं। लोकल मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रधानमंत्री इमरान खान ने स्वीकार किया है कि उनकी सरकार के अगले तीन महीने महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इस्लामाबाद देशभर में गंभीर मुद्रास्फीति का सामना कर रहा है। एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इमरान खान ने गुरुवार को देश की पिछली सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा कि मौजूदा सरकार की सबसे बड़ी विफलता पिछले शासकों की जवाबदेही की कमी है।



एआरवाई की रिपोर्ट के मुताबिक देश में महंगाई की वजह से बिगड़े हालात के लिए इमरान खान ने पूर्व की सरकारों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने लोगों की भलाई के लिए अच्छे काम किए हैं लेकिन अपनी इस उपलब्धियों को वह ठीक तरीके से बता नहीं पाई है। पाकिस्तान में मुद्रास्फीति खाद्य कीमतों में वृद्धि का कारण बना है, निम्न-मध्यम आय वाले परिवारों की स्थिति खराब हो रही है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान जैसे देश में, जहां अधिकांश परिवार अपनी आधी से अधिक आय भोजन पर खर्च करते हैं। परिवहन, पेट्रोल, बिजली एवं अप्रत्यक्ष कर का भार इतना ज्यादा हो गया है कि आशंका जताई जा रही है कि आने वाले समय में देश को भूख, गरीबी और कुपोषण का सामना करना पड़ सकता है। 



विश्व बैंक का अनुमान है कि साल 2020 में पाकिस्तान में गरीबी 4.4 प्रतिशत से बढ़कर 5.4 फीसदी हो गई है और करीब 20 लाख लोग गरीबी रेखा के नीचे आ गए हैं। निम्न-मध्यम-आय गरीबी दर का उपयोग करते हुए, विश्व बैंक ने अनुमान लगाया कि पाकिस्तान में गरीबी अनुपात 2020-21 में 39.3 प्रतिशत था और 2021-22 में 39.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है और यह घटकर 37.9 प्रतिशत हो सकता है।



इमरान सरकार देश के लोगों को पीने के लिए साफ पानी भी उपलब्ध नहीं करा पा रही है। नेशनल असेंबली में तहरीक ए इंसाफ सरकार ने जो डाटा पेश किया है उसमें बताया गया है कि देश के बड़े प्रमुख शहरों में लोगों को पीने के लिए स्वच्छ पेयजल उपलब्ध नहीं है।


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