न्यूयॉर्क. भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में अफगानिस्तान को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। UNSC में चर्चा के दौरान भारत के स्थाई प्रतिनिधि (Permanant Representative) टीएस तिरुमूर्ति ने अफगान संकट पर भारत के विचार दुनिया के सामने रखा। उन्होंने दो टूक कहा कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए नहीं होना चाहिए। तालिबान ने प्रतिबद्धता (Commitment) जताई है कि वह आतंकवाद के लिए अफगान जमीन के उपयोग की अनुमति नहीं देगा, उम्मीद है कि इसका ध्यान रखा जाएगा।
आतंकवाद रोकने के संकल्प का सम्मान हो
तिरुमूर्ति ने यह भी कहा कि पिछले महीने काबुल में आतंकी हमला (Terrrorist Attack) हुआ, इसने अफगानिस्तान के लिए गंभीर खतरा पैदा कर दिया है। लिहाजा जरूरी है कि आतंकवाद रोकने को लेकर जो संकल्प जताया गया है, उसका सम्मान हो। अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल किसी देश को धमकाने (Threatens), हमला करने, आतंकवादियों को पनाह (Safe Heaven for Terrorists) देने, प्रशिक्षण (Training), आतंकी योजना बनाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। तालिबान ने कहा है कि फगान बिना किसी बाधा के विदेश यात्रा कर सकेंगे। हमें उम्मीद है कि इन बातों का पालन किया जाएगा।
हम अफगानिस्तान के दोस्त, इसलिए चिंता ज्यादा
UN में भारत के प्रतिनिधि तिरुमूर्ति इस बात पर चिंता जताई कि अफगानिस्तान में स्थिति अब भी बेहद नाजुक बनी हुई है। हम उनके पड़ोसी और दोस्त हैं। इसलिए ये हमारे लिए सीधे चिंता का विषय है। पिछले दशक में अफगानिस्तान ने जो पाया, उसे बरकरार रखने की अनिश्चितताएं बहुत ज्यादा हैं। हम अफगान महिलाओं की आवाज को भी उठता हुआ देखना चाहते हैं। तिरुमूर्ति ने भाषण में अफगान बच्चों (Children) और अल्पसंख्यकों (Minority) के अधिकारों की रक्षा करने की मांग की है।