काबुल. अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद हालात खराब होते जा रहे हैं। इस बीच भारत ने अपने 120 से ज्यादा अफसर और कर्मचारियों को वापस बुला लिया। भारतीय वायुसेना का ग्लोबमास्टर इन लोगों को लेकर जामनगर पहुंच गया। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, अफगानिस्तान में फंसे बाकी भारतीय सुरक्षित इलाके में हैं। एक-दो दिन में उन्हें भी एयरलिफ्ट कर लिया जाएगा। उधर, दुनिया के उलट रूस ने तालिबान की तारीफ की है।
क्या बोले रूसी राजदूत?
रूस ने कहा है कि तालिबान शासन में काबुल की स्थिति राष्ट्रपति अशरफ गनी की तुलना में बेहतर रहेगी।अफगानिस्तान में रूस के राजदूत दिमित्री जिरनोव ने तालिबान की तारीफ करते हुए कहा कि तालिबान ने पहले 24 घंटों में काबुल को गनी एडमिनिस्ट्रेशन की तुलना में ज्यादा सुरक्षित बना दिया है। स्थिति शांतिपूर्ण और अच्छी है। शहर में सब कुछ शांत हो गया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, जिरनोव ने यह बात मॉस्को के एक रेडियो स्टेशन से बात करते हुए कही। जिरनोव ने कहा कि गनी का शासन ताश के पत्तों की तरह बिखर गया। उनके समय अव्यवस्था चरम पर थी, लोगों ने उम्मीद खो दी थी और विकास शून्य हो गया था।
भारत ने इमरजेंसी वीजा शुरू किया
भारतीय गृह मंत्रालय ने अफगानिस्तान से भारत आने वाले लोगों के लिए वीजा नियमों में बदलाव किया है। मौजूदा हालात को देखते हुए इलेक्ट्रॉनिक वीजा की एक नई कैटेगरी e-Emergency X-Misc Visa शुरू की गई है, ताकि अफगानिस्तान से भारत आने वाले लोगों को जल्द वीजा मिल सके।
अमेरिकी सैनिकों ने संभाला मोर्चा
16 अगस्त को काबुल एयरपोर्ट पर अमेरिकी प्लेन से लटककर भागने के दौरान 7 लोगों की गिरकर मौत हो गई थी। वहीं अमेरिकी सैनिकों ने काबुल एयरपोर्ट पर दो हथियारबंद लोगों को मार गिराया। इन स्थितियों को देखते हुए सभी सैन्य और कमर्शियल विमानों को रोका दिया गया था, लेकिन 1000 अमेरिकी सैनिकों के पहुंचने पर देर रात एयरपोर्ट फिर से खोल दिया गया। अब अमेरिकी सैनिक ही उड़ानों का मैनेजमेंट संभाल रहे हैं।