LONDON. ब्रिटेन में राजनीतिक संकट गहरा गया है। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का इस्तीफा तय माना जा रहा है, हालांकि वे अक्टूबर तक पद पर बने रह सकते हैं। जॉनसन पर इस्तीफे के दबाव का सिलसिला तब शुरू हुआ, जब 5 जुलाई को वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने रिजाइन कर दिया। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री साजिद वाजिद के इस्तीफे से भी उनकी कुर्सी पर संकट बढ़ गया था। सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी के 4 कैबिनेट मंत्री अब तक इस्तीफा दे चुके हैं। इनमें सुनक और साजिद वाजिद के अलावा साइमन हार्ट और ब्रैंडन लुइस भी शामिल हैं.
नए प्रधानमंत्री की दौड़ में ऋषि सुनक पहली पसंद
बोरिस जॉनसन सरकार में भारतीय मूल के वित्त मंत्री रहे ऋषि सुनक को देश के अगले प्रधानमंत्री की रेस में आगे बताया जा रहा है। सुनक इंफोसिस के सह-संस्थापक और दिग्गज कारोबारी एनआर नारायणमूर्ति के दामाद हैं। सुनक (42) ने फरवरी 2020 में उस समय सुर्खियों में आए, जब जॉनसन ने उन्हें देश का वित्त मंत्री नियुक्त किया। इससे पहले इस साल जनवरी में ब्रिटेन के एक प्रमुख सट्टेबाज ने भी ये भविष्यवाणी की थी कि बोरिस जॉनसन जल्द ही इस्तीफा दे सकते हैं और उनकी जगह ऋषि सुनक नए प्रधानमंत्री बन सकते हैं। सुनक के अलावा प्रधानमंत्री बनने की रेस में पेनी मॉरडॉन्ट, बेन वॉलेस, साजिद वाजिद, लिज ट्रस और डोमिनिक राब के नाम भी सामने आए हैं।
सुनक का जन्म और शुरुआती जिंदगी
ऋषि के माता-पिता भारतीय मूल के थे और 1960 के दशक में ब्रिटेन आकर बस गए थे। 12 मई 1980 को ब्रिटेन के साउथम्पैटन में ऋषि का जन्म हुआ। उनके पिता डॉक्टर, जबकि मां दवाखाना चलाती थीं। ऋषि तीन भाई बहनों में सबसे बड़े हैं।
ऋषि का जन्म ब्रिटेन के साउथैम्पटन में हुआ। उन्होंने ब्रिटेन के विंचेस्टर कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी एडमिशन लिया, जहां उन्होंने फिलॉसफी और इकॉनोमिक्स की पढ़ाई की। वह स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में फुलब्राइट स्कॉलर थे, जहां से उन्होंने एमबीए किया। सुनक ने ग्रेजुएशन के बाद गोल्डमैन सैक्स के साथ काम किया और बाद में हेज फंड फर्म्स में पार्टनर बने।
ऋषि ने राजनीति में प्रवेश करने से पहले एक अरब पाउंड की ग्लोबल इन्वेस्टमेंट कंपनी की स्थापना की थी। यह कंपनी ब्रिटेन के छोटे कारोबारों में निवेश में मददगार थी। स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एमबीए के दौरान ही उनकी मुलाकात इंफोसिस के सह संस्थापक और दिग्गज कारोबारी नारायणमूर्ति की बेटी अक्षता से हुई, जिनसे बाद में उन्होंने शादी कर ली। उनकी दो बेटी कृष्णा और अनुष्का हैं।
राजनीति में एंट्री
यॉर्कशायर के रिचमंड से सांसद ऋषि सुनक 2015 में पहली बार संसद पहुंचे। उस समय ब्रेग्जिट का समर्थन करने के चलते पार्टी में उनका कद लगातार बढ़ता चला गया। ब्रिटेन की तत्कालीन प्रधानमंत्री टेरीजा मे की कैबिनेट में ऋषि ने जूनियर मिनिस्टर के तौर पर काम किया। उन्हें हमेशा से कंजर्वेटिव पार्टी के एक उभरते सितारे के रूप में देखा गया। पार्टी के कई बड़े नेता गाहे-बगाहे उनकी तारीफ भी करते रहे हैं।
फिटनेस के कायल
ऋषि सुनक फिटनेस को लेकर जुनूनी हैं। उन्हें क्रिकेट, फुटबॉल के अलावा फिल्में देखने का भी शौक हैं। उनके व्यक्तित्व को देखकर उन्हें डिशी ऋषि के निक नेम से भी बुलाया जाता है।
लोकप्रियता और उपलब्धियां
बोरिस जॉनसन सरकार में ऋषि सुनक की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वे ज्यादातर प्रेस ब्रीफिंग में सरकार के चेहरे के तौर पर नजर आते थे। उन्होंने कोरोना काल के दौरान ब्रिटेन को आर्थिक तंगी से उबारने में एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था। ये उनकी मेहनत का ही नतीजा था कि सभी वर्ग के लोग उनके कामकाज से खुश थे। उन्होंने कोरोना काल में चौपट हो चुकी टूरिज्म इंडस्ट्री को 10 हजार करोड़ का पैकेज दिया था। कोरोना के दौर में उनकी नीतियों ने ब्रिटेन में लोगों की मजदूरी नहीं घटने दी, जिसके चलते उनकी लोकप्रियता में इजाफा हुआ।
विवादों में भी रहे सुनक
ब्रिटेन के जिस पार्टीगेट स्कैंडल की वजह से बोरिस जॉनसन की काफी किरकिरी हुई थी, उसकी आंच सुनक पर भी पड़ी। सुनक पर भी पार्टीगेट स्कैंडल मामले में जुर्माना लगाया गया था। कोविड-19 प्रोटोकॉल के दौरान मई 2020 में प्रधानमंत्री के डाउनिंग स्ट्रीट आवास पर एक शराब पार्टी का आयोजन था। इस पार्टी की तस्वीरें और कुछ ईमेल लीक होने के बाद मामला गरमा गया था। इस मामले को लेकर बोरिस जॉनसन सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांग चुके हैं। इस मामले के बाद सुनक की लोकप्रियता में गिरावट देखने को मिली थी. वह अपनी पत्नी अक्षता पर टैक्स चोरी के आरोपों की वजह से भी आलोचनाओं का सामना कर चुके हैं।
भारत को लेकर क्या सोचते हैं सुनक
ऋषि सुनक ने हाल ही में कहा था कि भारत में बहुत अवसर हैं और भारत भविष्य को उम्मीद भरों नजरों से देख रहा है। उन्होंने भारत की वकालत करते हुए कहा था कि ब्रिटेन को भारत को कमतर आंकने से बचना होगा। कई मौकों पर भारत की पैरवी कर चुके सुनक ने कहा था, हमें (ब्रिटेन) भारत की नजरों में वह स्थान पाना होगा, इसलिए हमें भारत के साथ हमारे संबंधों पर दोबारा काम करना होगा। दोनों देशों के बीच बराबरी की साझेदारी होनी चाहिए। हमारा ध्यान इस पर होना चाहिए कि हम ब्रिटेन आने वाले भारतीयों का जीवन किस तरह आसान बनाएं।