इंडोनेशिया की राजधानी अब जकार्ता की जगह नुसंतारा होगी। यहां कि संसद ने देश की नई राजधानी बनाने वाले कानून को मंजूरी दे दी है। मौजूदा राजधानी जकार्ता के डूबने का खतरा बढ़ गया है। साथ ही, यह काफी प्रदूषित हो चुका है। यहां बार-बार बाढ़ आती है और शहर अक्सर डूब जाता है। इससे सरकार के कामकाज पर भी असर होता है।प्रधानमंत्री सुहार्सो मोनॉर्फा ने कहा कि नई राजधानी देश की पहचान होगी। उन्होंने कहा, 'नई राजधानी का मुख्य मकसद होगा कि यह देश की पहचान बनेगी। यह आर्थिक तरक्की का केंद्र भी बनेगी।'
कैसी होगी नई राजधानी: नुसंतारा ईस्ट कालीमंतन इलाके में है, जो बोर्नियो द्वीप का हिस्सा है। एक अनुमान के मुताबिक, नई राजधानी के कंस्ट्रक्शन पर राष्ट्रीय खजाने से करीब 33 अरब डॉलर खर्च होंगे। केंद्र सरकार के तमाम मंत्रालय और फॉरेन मिशन-एम्बेसीज नुसंतारा ही शिफ्ट किए जाएंगे। हालांकि, नई राजधानी कब तक तैयार होगी? इस बारे में तस्वीर अभी साफ नहीं है। लेकिन मार्च 2024 तक ग्राउंड कंस्ट्रक्शन वर्क शुरु हो जाएगा।
तेजी से डूब रहा है जकार्ता: इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो साल 2019 में पहली बार नई राजधानी बसाने से संबंधित बिल संसद में लाए थे। इस पर विचार करने के लिए स्पेशल कमेटी बनाई गई थी। इस प्रस्ताव को बिल की शक्ल दी गई। अब यह मंजूर हो गया है। बता दें कि जकार्ता समुद्र के नजदीक है और इसके बाढ़ में डूबने का खतरा हमेशा बना रहता है. इतना ही नहीं, वर्ल्ड इकनोमिक फोरम के अनुसार ये दुनिया का सबसे तेजी से डूबता शहर भी बन गया है।
हिंदू धर्म से नुसंतारा का इतिहास: असल में नुसंतारा का अर्थ होता है द्वीपों का समूह। इस द्वीप ने 14वीं सदी में जावा द्वीप पर शासन करने वाले मजापहित साम्राज्य के दौर में आकार लिया था। उस वक्त इस साम्राज्य के हिंदू राजा थे हयम वुरुक। उनके प्रधानमंत्री का नाम था गज:मद। एक रिपोर्ट के मुताबिक, गज:मद ने एक बार प्रतिज्ञा की थी कि वे तब तक तामसिक भोजन नहीं करेंगे, जब तक कि पूरे नुसंतारा को मजापहित साम्राज्य के अधीन नहीं ले आते। उन्हें इसमें सफलता भी मिली।