सेंट वैलेंटाइन ने राजा से मुखालफत की और शादियां करा दीं, फांसी चढ़े और अमर हो गए

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Atul Tiwari
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सेंट वैलेंटाइन ने राजा से मुखालफत की और शादियां करा दीं, फांसी चढ़े और अमर हो गए

दुनियाभर में 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे यानी प्यार के दिन के रूप में मनाया जाता है। क्या आप जानते पता हैं कि वैलेंटाइन डे की शुरुआत कब हुई? वैलेंटाइन डे 14 फरवरी को ही क्यों मनाया जाता है? वैलेंटाइन डे से जुड़ी एक रोचक कहानी है, जो किसी के प्यार और बलिदान को समर्पित है। जानिए वैलेंटाइन डे का इतिहास, इसे 14 फरवरी के दिन मनाने की वजह और वैलेंटाइन डे को प्यार के दिन के तौर पर मनाने की कहानी...



शुरुआत कब से हुई?: वैलेंटाइन डे 14 फरवरी को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत रोम के राजा क्लॉडियस II के दौर में हुई थी। उस समय (270 ईसवी) रोम में एक पादरी थे, जिनका नाम सेंट वैलेंटाइन था। उन्हीं के नाम पर वैलेंटाइन डे मनाने की शुरुआत हुई।



दरअसल, सेंट वैलेंटाइन दुनिया में प्यार को बढ़ावा देने के बारे में सोचते थे। लेकिन राजा क्लॉडियस को ये बात पसंद नहीं थी। राजा का मानना था कि प्यार और शादी पुरुषों की बुद्धि और शक्ति को खत्म कर देती है। इसलिए राजा ने आदेश जारी किया था कि राज्य के सैनिक और अधिकारी शादी नहीं कर सकते।



14 फरवरी को हुई थी फांसी: सेंट वैलेंटाइन ने राजा के आदेश का विरोध करते हुए कई अधिकारियों और सैनिकों की शादी कराई। राजा इस बात पर भड़क गया और उन्होंने 14 फरवरी 270 को सेंट वैलेंटाइन को फांसी पर चढ़ा दिया। उनके निधन के बाद हर साल 14 फरवरी को सैंट वेलेंटाइन के बलिदान को याद करने के लिए इसे 'प्यार के दिन' के तौर पर मनाया जाने लगा।



मिसाल बन गए वैलेंटाइन: सेंट वैलेंटाइन के निधन को एक और खास वजह से याद किया जाता है। उन दिनों शहर के जेलर की एक बेटी थी। जैकोबस नाम की वह लड़की नेत्रहीन थी। सेंट वैलेंटाइन ने अपनी मौत के समय जेलर की बेटी को अपनी आंखें दान कीं। साथ ही जैकोबस के नाम एक चिट्ठी लिखी, जिसमें लिखा था, 'तुम्हारा वैलेंटाइन।'


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