इस्लामाबाद. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की सरकार गिरने का काउंटडाउन शुरू हो गया है। 28 मार्च को विपक्ष ने नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव (No confidence motion) पेश किया गया। नेता प्रतिपक्ष शाहबाज शरीफ ने यह प्रस्ताव सदन के सामने रखने की घोषणा की। इसके बाद सदन की कार्यवाही 31 मार्च तक स्थगित कर दी गई है। विपक्षी दलों का आरोप है कि इमरान खान की सरकार देश में आर्थिक संकट और बढ़ती महंगाई के लिए जिम्मेदार है। इसलिए उन्हें कुर्सी पर रहने का कोई हक नहीं है। दरअसल, विपक्ष दल इमरान को गद्दी से हटाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं लेकिन अब विपक्ष को कामयाबी मिलती दिख रही है।
इमरान खान की सरकार गिरना लगभग तय: पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में 342 सदस्य हैं। सदन में इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के 155 सदस्य हैं। सरकार में बने रहने के लिए कम से कम 172 सांसद की जरूरत हैं। इससे पहले इमरान खान को 176 सांसदों का समर्थन हासिल था। लेकिन 24 सांसदों की बगावत के बाद इमरान खान की सरकार का नंबर गेम बिगड़ गया। इधर, विपक्षी पार्टियों को भरोसा है कि उन्हें सरकार को गिराने के लिए 342 के सदन में 172 सदस्यों का समर्थन मिल सकता है। जबकि सरकार का दावा है कि उसे इस प्रयास को विफल करने के लिए सदन में आवश्यक समर्थन प्राप्त है।
इस्लामाबाद में इमरान की रैली: इससे पहले 27 मार्च को इमरान खान ने रविवार को इस्लामाबाद में बड़ी रैली की थी। इसमें 10 लाख लोग शामिल हुए थे। रैली में इमरान खान ने दावा किया कि वह अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। इमरान खान ने पाकिस्तान की हालात के लिए पूर्ववर्ती पीएम और मौजूदा विपक्षी दलों को जिम्मेदार ठहराया था। रैली में उन्होंने भारत की तारीफ भी की। उन्होंने अपने काम गिनाए, भावुक हुए और गुस्सा भी दिखाया। भारत का जिक्र कर कहा कि 90 के दशक में भारतीय टीम पाकिस्तान आती थी, तो उन्हें लगता था कि वे किसी अमीर मुल्क में हैं। आज भारत हमसे आगे है। ये हमारी पहले की सरकारों की नालायकी का नतीजा है।