ओस्लो. इस साल नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Award) फिलीपींस (Phillipines) की मारिया रेसा (Maria Ressa) और रूस (Russia) के दिमित्री मुरातोव (Dmitry Muratov) को देने का ऐलान किया गया है। शांति का नोबेल नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी (Norwegian Nobel Committee) देती है। बाकी सारी श्रेणियों में अवॉर्ड स्वीडन (Swedon) द्वारा दिए जाते हैं। दोनों ने अपने-अपने देशों में अभिव्यक्ति की आजादी (freedom of expression) के लिए काफी काम किया। दोनों पेशे से जर्नलिस्ट हैं।नोबेल कमेटी ने कहा कि आजाद, स्वायत्त और तथ्य आधारित जर्नलिज्म सत्ता की ताकत, झूठ और जंग के प्रोपेगैंडा से रक्षा करने में अहम है। अभिव्यक्ति की आजादी और प्रेस की स्वतंत्रता (Freedom Of Press) के बिना देशों के बीच सौहार्द और वैश्विक व्यवस्था को सफल बनाना काफी मुश्किल हो जाएगा।
कौन हैं नोबेल जीतने वाले दोनों पत्रकार?
मारिया रेसा 2 अक्टूबर 1963 को मनीला में पैदा हुई थीं। फिलीपींस से नाता रखने वाली अमेरिकी पत्रकार मारिया रेसा न्यूज साइट रैप्लर (Rappler) की सह-संस्थापक (Co-Founder) हैं। उन्हें फिलीपींस में सत्ता की ताकत के गलत इस्तेमाल, हिंसा और तानाशाही के बढ़ते खतरे पर खुलासों के लिए पहले भी सम्मानित किया जा चुका है। नोबेल कमेटी ने अभिव्यक्ति की आजादी में उनकी भूमिका की तारीफ करते हुए उन्हें इस सम्मान का हकदार बताया।
पुतिन के आलोचक रहे हैं मुरातोव
दिमित्री मुरातोव रूस के स्वतंत्र अखबार नोवाजा गजेटा के सह-संस्थापक हैं और पिछले 24 साल से पेपर के मुख्य संपादक रहे हैं। रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के तानाशाही राज के बावजूद मुरातोव को अपने अखबार के जरिए सरकार की योजनाओं की आलोचना के लिए जाना जाता रहा है। नोबेल कमेटी ने कहा कि मुरातोव कई दशकों से रूस में अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा कर रहे हैं।