STOCKHOLM. रसायन के नोबेल पुरस्कार का 5 अक्टूबर को ऐलान कर दिया गया है। इस साल यह सम्मान स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की कैरोलिन बरटोजी, डेनमार्क के मॉर्टेन मेल्डल और अमेरिका के बैरी शार्पलेस को दिया गया है। रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार क्लिक केमिस्ट्री और बायोऑर्थोगोनल केमिस्ट्री के विकास के लिए दिया गया। कल यानी 6 अक्टूबर को साहित्य के नोबेल पुरस्कार का ऐलान किया जाएगा। नोबेल पुरस्कार में 10 लाख स्वीडिश क्रोना (74.71 लाख रुपए) की राशि दी जाती है। नोबेल पुरस्कार 10 दिसंबर (अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि) को स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में दिए जाते हैं।
वॉन्टहाफ को मिला था रसायन का पहला नोबेल
नीदरलैंड्स के वैज्ञानिक जैकोबस हेनरिकस वान्टहॉफ को 1901 में रसायन विज्ञान का पहला नोबेल प्राइज मिला था। उन्होंने केमिकल डायनामिक्स के नियम बनाए थे। 1903 में फ्रांस की मैरी क्यूरी को भौतिकी में रेडियो एक्टिविटी को लेकर अपने पति पियरे क्यूरी और हेनरी बेक्वेरल के साथ पुरस्कार मिला था। मैरी क्यूरी को रेडियम और पोलोनियम तत्व की खोज के लिए 1911 में रसायन में भी नोबेल अवॉर्ड दिया गया। ऐसा कारनामा करने वालीं क्यूरी इकलौती वैज्ञानिक हैं। 1935 में मैरी क्यूरी की बेटी आइरिन क्यूरी जूलियट ने भी केमिस्ट्री में नोबेल जीता।
अब तक दो नोबेल पुरस्कारों की घोषणा
4 अक्टूबर को भौतिकी के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की गई थी। इस साल ये पुरस्कार 3 वैज्ञानिकों को क्वांटम मैकेनिक्स के क्षेत्र में उनके काम के लिए दिया गया। फ्रांस के वैज्ञानिक एलन एस्पेक्ट, अमेरिका के जॉन क्लॉसर और ऑस्ट्रिया के एंटन जेलिंगर को अवॉर्ड दिया गया। 3 अक्टूबर को स्वीडन के वैज्ञानिक स्वांते पाबो को मेडिसिन का नोबेल देने की घोषणा की गई। उन्हें यह पुरस्कार ‘मानव के क्रमिक विकास’ पर खोज के लिए दिया गया। पाबो ने आधुनिक मानव और विलुप्त प्रजातियों के जीनोम की तुलना कर बताया कि इनमें आपसी मिश्रण है।