इस्लामाबाद. पाकिस्तान में सियासी घमासान मचा है। प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी जाने के संकेत मिल रहे हैं। इस बीच, इमरान ने सरकार बचाने के लिए आखिरी दांव चला है। इमरान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट से खरीद-फरोख्त में शामिल बागी सांसदों के वोट ना गिनने की अपील की है। इसके लिए पाकिस्तान संविधान के आर्टिकल-63 का हवाला दिया गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, PTI की ओर से कोर्ट में पेश ड्राफ्ट में कहा गया कि हॉर्स ट्रेडिंग में लिप्त सांसदों को अयोग्य करार दिए जाने को लेकर अनुच्छेद-63 के प्रावधान है। लिहाजा ऐसे सदस्यों को संसद में दोबारा नहीं आने देना चाहिए और उनके वोट को किसी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में नहीं गिना जाना चाहिए।
पार्टी सांसदों को धमका रहे इमरान के मंत्री: माना जा रहा है कि विपक्ष के पास करीब 200 और इमरान के पास करीब 145 सांसद हैं। बहुमत का आंकड़ा 172 है। इमरान और उनके मंत्री जानते हैं कि वोटिंग में सरकार का गिरना तय है। लिहाजा, वो इसे टालने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। विपक्ष के साथ ही अपनी ही पार्टी के उन सांसदों को भी धमकाया जा रहा है, जो सरकार के खिलाफ वोटिंग कर सकते हैं।
मरियम ने शहबाज को बताया कैंडिडेट: पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने अपने चाचा और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज' PML(N) के मुखिया शहबाज शरीफ को PM पद का दावेदार भी बताया। मरियम ने इमरान पर तंज करते हुए कहा कि अगर इमरान में जरा भी शर्म बची है तो उन्हें कुर्सी छोड़ देनी चाहिए।
25 को फैसला: पाकिस्तान में संयुक्त विपक्ष की ओर से इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नोटिस लाया गया है। इस पर नेशनल असेंबली का स्पेशल सेशन 25 मार्च को है। असेंबली के स्पीकर असद कैसर ने इस बारे में 20 मार्च को संबंधित पक्षों को समन दिया है।