LONDON. शाही परंपराओं को पूरा करने के बाद ब्रिटेन की महारानी Queen Elizabeth-2 का पार्थिव शरीर 19 सितंबर की रात करीब 1.40 बजे (भारतीय समयानुसार) दफनाया गया। लंदन के वेस्टमिंस्टर ऐबे (Westminster Abbey) में शाही रस्मों के साथ अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की गई। इस दौरान परिवार के लोग मौजूद रहे। इससे पहले उनके ताबूत को विंडसर कैसल में रॉयल वॉल्ट में उतारा गया।
उन्हें किंग जॉर्ज मेमोरियल VI चैपल में पति प्रिंस फिलिप के बगल में दफनाया गया। यह विंडसर कैसल में मौजूद सेंट जॉर्ज चैपल का ही एक हिस्सा है। इस जगह दफन की जाने वाली शाही परिवार की वो 11वीं सदस्य बनीं। क्वीन के पिता किंग जॉर्ज VI के अलावा मां और बहन भी यहीं दफन की गईं थीं। क्वीन का निधन 8 सितंबर को हुआ था। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू समेत दुनियाभर से करीब 2000 वीवीआईपी दिवंगत क्वीन को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे।
क्वीन का स्टेट और प्राइवेट फ्यूनरल हुआ
क्वीन का अंतिम संस्कार दो तरह से हुआ। पहला- स्टेट फ्यूनरल यानी राजकीय सम्मान के साथ। दूसरा- प्राइवेट फ्यूनरल यानी पारिवारिक तौर पर अंतिम संस्कार। प्राइवेट फ्यूनरल में शाही परिवार के सदस्यों के अलावा सिर्फ क्वीन का पर्सनल स्टाफ शामिल था। आखिरी रस्म की कोई बात सार्वजनिक नहीं की गई। दोनों रस्में कुल 9 घंटे तक चलीं। वेस्टमिंस्टर ऐबे से विंडसर कैसल का सफर करीब 40 किलोमीटर का था। इस दौरान कभी पैदल तो कभी गाड़ियों में रॉयल फैमिली साथ रही। विंडसर कैसल में तीन प्रेयर्स हुईं। स्टेट फ्यूनरल फंक्शन में हेड ऑफ द स्टेट्स ने क्वीन को श्रद्धांजलि दी। इसमें कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष और रॉयल फैमिलीज शामिल थीं। ‘द डेली मेल’ के मुताबिक, कॉफिन को देखने के लिए लंदन की सड़कों पर 20 लाख लोग मौजूद थे।
प्राइवेट फ्यूनरल की रस्में
वेस्टमिंस्टर ऐबे में स्टेट फ्यूनरल की रस्मों के बाद ताबूत 40 किमी दूर विंडसर कैसल लाया गया। यहां के सेंट जॉर्ज मेमोरियल चैपल में डीन ऑफ विंडसर ने रॉयल फैमिली और क्वीन के पर्सनल स्टाफ के साथ प्रेयर की। ताबूत रॉयल वॉल्ट में रखा गया। रॉयल बैंड ने शोक धुन बजाई। रॉयल जूलर (शाही सुनार) ने क्वीन के ताबूत से क्राउन और बाकी चीजें निकालीं। करीब दो घंटे बाद क्वीन के अंतिम संस्कार की आखिरी रस्म पूरी की गई।
प्रिंस हैरी ने कॉफिन को सैल्यूट नहीं किया
‘न्यूयॉर्क पोस्ट’ ने प्रिंस हैरी का एक फोटो पोस्ट किया। इसमें रॉयल गार्ड्स क्वीन एलिजाबेथ के कॉफिन को सैल्यूट करते नजर आए, लेकिन हैरी ऐसा (सैल्यूट) नहीं किया। फिलहाल, यह साफ नहीं है कि हैरी को रॉयल सैल्यूट से रोका गया या उन्होंने खुद ऐसा किया था। दरअसल, दो साल पहले हैरी और पत्नी मेगन मर्केल रॉयल स्टेटस छोड़ चुके हैं और अमेरिका में रहते हैं। जब हैरी सावधान मुद्रा में खड़े थे, तब उनके बड़े भाई प्रिंस विलियम और परिवार के बाकी सदस्य सैल्यूट कर रहे थे। शाही परिवार के एक और सदस्य प्रिंस एंड्रू ने भी सैल्यूट नहीं किया। पिछले साल वो सेक्स स्कैंडल को लेकर विवादों में थे और क्वीन ने उन्हें बचाया था। खास बात यह है कि हैरी ‘प्री फ्यूनरल’ सेरेमनी में भी शामिल नहीं हुए थे। हालांकि वो क्वीन के निधन वाले दिन यानी 8 सितंबर से ही लंदन में हैं।
70 साल के कार्यकाल में महारानी ने कई दौर देखे
70 साल के राज में महारानी एलिजाबेथ की छवि पर कोई दाग नहीं आया, लेकिन इस दौरान शाही परिवार में फूट और मनमुटाव चलता रहा। परिवार में भरोसा टूटता तो एलिजाबेथ संभालने की कोशिश करने लगतीं। हर बार कामयाब भी हुईं। इसके सबसे बड़े किरदार क्वीन के बड़े बेटे प्रिंस चार्ल्स रहे। 40 साल पहले कैमिला पार्कर के साथ उनके अफेयर से परिवार का ताना-बाना बिगड़ना शुरू हुआ। इसके बाद इसमें उनकी पत्नी प्रिंसेस डायना, बेटे हैरी, बहू केट और मेगन के नाम शामिल होते गए।