Colombo. यूनाइटेड नेशनल पार्टी (United National Party) के नेता रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) को श्रीलंका (Sri Lanka) के नए प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है। श्रीलंका की 225 सदस्यीय संसद में रानिल विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (UNP) की केवल एक सीट है, लेकिन वह देश के अगले प्रधानमंत्री (Prime Minister) बन गए हैं। श्रीलंका के चार बार प्रधानमंत्री रह चुके विक्रमसिंघे को अक्टूबर 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना (President Maithripala Sirisena) ने प्रधानमंत्री पद से हटा दिया था। हालांकि दो महीने बाद ही सिरीसेना ने उन्हें इस पद पर बहाल कर दिया था। विक्रमसिंघे को अंतरिम प्रशासन (Interim Administration) का नेतृत्व करने के लिए सभी दलों का समर्थन मिला है। उनकी सरकार छह महीने चल सकती है।
1977 में पहली बार बने थे सांसद
रानिल विक्रमसिंघे का जन्म श्रीलंका के एक धनी राजनीतिक परिवार में हुआ था। उन्होंने सीलोन विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 1972 में सीलोन लॉ कॉलेज से वकालत की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने यूनाइटेड नेशनल पार्टी के साथ जुड़कर 1970 के दशक के मध्य में राजनीति में सक्रिय हुए थे। वे 1977 के संसदीय चुनावों में पहली बार बियागामा से सांसद चुने गए थे। जिसके बाद उनके चाचा राष्ट्रपति जे.आर. जयवर्धने ने रानिल को विदेश मामलों का उप मंत्री नियुक्त किया। इसके बाद उन्हें युवा मामलों और रोजगार मंत्री नियुक्त किया गया। इस तरह वे श्रीलंका के इतिहास में सबके कम उम्र के कैबिनेट मंत्री बने।
यूएनपी ने किया था दावा
सूत्रों के अनुसार विक्रमसिंघे को अंतरिम प्रशासन का नेतृत्व करने के लिए सभी दलों का समर्थन प्राप्त है। उनकी नियुक्ति 6 महीने के लिए हुई है। यूएनपी के अध्यक्ष वी अबेयवारदेना ने विश्वास जताया कि विक्रमसिंघे को नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाए जाने के बाद वह बहुमत हासिल कर लेंगे। देश की सबसे पुरानी पार्टी यूएनपी 2020 में एक भी सीट नहीं जीत सकी थी और यूएनपी के मजबूत गढ़ रहे कोलंबो से चुनाव लड़ने वाले विक्रमसिंघे भी हार गये थे। बताते चलें कि उनके साथी रहे सजीत प्रेमदासा ने उनसे अलग होकर अलग दल एसजेबी बना लिया जो मुख्य विपक्षी दल बन गया था।
चार बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री रह चुके हैं विक्रमसिंघे
श्रीलंका के वर्तमान प्रधानमंत्री और यूनाइटेड नेशनल पार्टी के एकमात्र सांसद रानिल विक्रमसिंघे का जन्म 24 मार्च 1949 को हुआ था। वह 1994 से यूनाइटेड नेशनल पार्टी के नेता हैं। उन्होंने 7 मई 1993 से 18 अगस्त 1994, 8 दिसंबर 2001 से 6 अप्रैल 2004, 9 जनवरी 2015 से 26 अक्टूबर 2018 और 15 दिसंबर 2018 से 21 नवंबर 2019 तक श्रीलंका के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया है। वह श्रीलंकाई संसद में दो बार विपक्ष के नेता भी रह चुके हैं। ऐसे में श्रीलंका की राजनीति में रानिल विक्रमसिंघे एक जाना पहचाना चेहरा हैं।
राष्ट्रपति प्रेमदासा की हत्या के बाद पहली बार बने श्रीलंका के पीएम
1989 में, राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा ने विक्रमसिंघे को उद्योग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री और सदन के नेता के रूप में नियुक्त किया। उन्होंने राष्ट्रपति प्रेमदासा की हत्या के बाद पहली बार श्रीलंकाई प्रधानमंत्री पद की कमान संभाली। उस समय श्रीलंका के प्रधानमंत्री डीबी विजेतुंगा थे, जिन्होंने अपने पद से इस्तीफा देकर खाली पड़े राष्ट्रपति का पद संभाला था। 1994 के राष्ट्रपति चुनाव के अभियान के दौरान गामिनी दिसानायके की हत्या के बाद नवंबर 1994 में उन्हें विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया था। 8 जनवरी 2015 को, विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने देश का प्रधानमंत्री नियुक्त किया। मैत्रीपाला सिरिसेना ने 2015 के राष्ट्रपति चुनाव में महिंदा राजपक्षे को हराया था।