रतलाम/कीव. रूस के हमले के बाद यूक्रेन में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। यूक्रेन में फंसी रतलाम की 2 स्टूडेंट ने वीडियो जारी कर अपनी पीड़ा सुनाई। पहले वैशाली ने वहां के हालातों की जानकारी दी थी। अब रतलाम की खुशबू, जो कि यूक्रेन की विनिस्या नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में 5th ईयर की स्टूडेंट है। उन्होंने बताया कि साइरन और बमबारी की वजह से हम बंकरों में अपनी जान बचा रहे हैं। यहां के हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं। खुशबू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम शिवराज सिंह चौहान से अपील की है कि हमें सुरक्षित निकालिए।
रतलाम की खुशबू यूक्रेन में फंसी है। वह बंकर और शेल्टर होम में छिपकर अपनी जिंदगी बचा रही है। सुनिए रतलाम की बिटिया इन जंगी हालातों का कैसे सामना कर रही है।#MadhyaPradesh #Ratlam #UkraineRussia #UkraineUnderAttack @BJP4India @BJP4MP @INCIndia @INCMP @PMOIndia @ChouhanShivraj pic.twitter.com/mbzB8vuYJ4
— TheSootr (@TheSootr) February 25, 2022
जंगी हालातों में कैसे जी रही खुशबू, सुनाई आपबीति: मैं खुशबू कुरैशी मेडिकल यूनिवर्सिटी में 5th ईयर की स्टूडेंट हूं। यहां युद्ध की वजह से हालात बहुत ज्यादा खराब हो रहे हैं। हम लोग रात के 4 बजे बंकर में जाकर छिपे थे। जब साइरन बजता है तो बहुत पैनिक हो जाता है। यहां बहुत बुरी स्थिति है। हम लंबे समय से सो नहीं पाए हैं। बंकर में जाते हैं, वहां नेटवर्क नहीं होता है। इस वजह से घरवाले भी बहुत ज्यादा परेशान हो जाते हैं। हम कुछ समय के लिए अपने हॉस्टल आए हैं। हमें दोबारा बंकर में जाना होगा। क्योंकि किसी भी समय अटैक हो सकता है। हम बंकर और शेल्टर होम में रह रहे हैं। यूक्रेन सरकार हमें सुरक्षित रखने की काफी कोशिश कर रही है।
खाने की दिक्कत हो रही है। मार्केट बंद है और स्टॉक खत्म होता जा रहा है। जो प्लाइट्स हमने बुक की थी। वो सभी कैंसिल हो चुकी है। हम सभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रार्थना करते हैं कि हमें जल्दी से जल्दी यहां से निकाला जाए। हम सभी बहुत परेशान है। हमारे मुख्यमंत्री सीएम शिवराज सिंह चौहान भी हमारी मदद करे। खुशबू का परिवार रतलाम के हाट बाजार रोड पर रहता है। वह लगातार टीवी पर युद्ध की तस्वीर देखकर सहमें हुए हैं। खुशबू के माता-पिता ने बताया कि बेटी खुश्बू को सिर्फ कुछ देर बंकर से बाहर आने की अनुमति मिलती है। फिर हमला होते ही वापस सायरन बजता है और बंकर में जाकर छिप जाते हैं।
रतलाम की वैशाली भी यूक्रेन में फंसी हुई है: मैं खारकीव में हूं। जैसे कि यहां कंडीशन बहुत खराब होती जा रही है। वॉर स्टार्ट हो चुका है और फ्लाइट्स बंद हो चुकी हैं। हमें कैसे भी करके इंडिया वापस जाना है। प्लीज, आप कुछ अरेंज कीजिए या जो भी हो सकता है। टीचर्स ने कह दिया है कि अपने डॉक्यूमेंट्स साथ रखो। एम्बैसी ने भी कह दिया है कि आप टेम्परेरिली किसी दूसरी कंट्री में शिफ्ट हो सकते हो या आप कुछ टाइम के लिए दूसरे देश जा सकते हो। इसलिए प्लीज...हेल्प कीजिए, थैंक्यू। वैशाली के पिता विजय ने बताया कि यूक्रेन में वैशाली को गुमराह किया गया। जब युद्ध की बात छिड़ी ही थी, तभी हमने बेटी को वापस आने के लिए कह दिया था। लेकिन वहां के कॉलेज से कहा गया कि कोई स्थिति खराब नही है, इंडिया में गलत बताया जा रहा है, सब ठीक है, आप वापस गए गए तो आपका पूरा साल खराब हो जाएगा, इसलिए हमने बेटी को वापस लाने का ज्यादा प्रयास नही किया। बेटी खारकीव में है, जो रूस बॉर्डर से मात्र 42 किलोमीटर दूर है।
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