कीव. रूस और यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। दोनों देशों के बीच जंग के हालात बन गए हैं। रूस ने यूक्रेन से सटी सीमा पर 1.3 लाख टैंकों की तैनाती कर दी है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यूक्रेन सीमा पर रूस के 1 लाख 30 हजार से ज्यादा सैनिक डटे हुए हैं, जिनमें से 1.12 लाख सैनिक आर्मी के और 18 हजार सैनिक नेवी और एयरफोर्स के हैं। कुछ एयरलाइंस ने यूक्रेन के लिए अपनी उड़ानें भी रद्द कर दी हैं। नाटो देशों ने हथियारों की नई खेप भी रूस से मुकाबले के लिए भेजी है। इस बीच, भारत ने यूक्रेन में रह रहे भारतीयों खासकर छात्रों के लिए एडवाइजरी जारी की है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अगर जरूरी ना हो तो यूक्रेन में पढ़ रहे छात्र वहां से लौट आएं।
यूक्रेनी प्रेसिडेंट ने बताई हमले की तारीख: यूक्रेन के राष्ट्रपति वेलोडिमिर जेलेंस्की ने अपनी एक फेसबुक पोस्ट से तनाव को और हवा दे दी। उन्होंने लिखा- 16 फरवरी रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले का दिन होगा। जेलेंस्की ने अपनी पोस्ट में यह भी कहा कि वह बातचीत के जरिए हर तरह के विवाद को सुलझाना चाहते हैं। हमें बताया गया है कि 16 फरवरी हमले का दिन होगा। हम इसे एकता दिवस बनाएंगे।
अमेरिका ने बॉम्बर तैनात किए: ये खबरें भी आ रही हैं कि रूस युद्धाभ्यास के दौरान यूक्रेन पर तीन तरफ से बड़े बम गिराने की तैयारी में है। इस बीच, अमेरिका ने अपने चार बी-52 बॉम्बर फाइटर प्लेन्स को ब्रिटेन में तैनात कर दिया है। इन प्लेन्स ने परमाणु बम से लैस होकर भूमध्य सागर में यूक्रेन सीमा के आसपास उड़ान भी भरी। द ड्राइव की रिपोर्ट के मुताबिक, ये बॉम्बर नॉर्थ डकोटा से ब्रिटेन पहुंचे और आगामी 3 हफ्ते तक यहीं रहेंगे। इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वेलोडिमिर जेलेंस्की ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से करीब एक घंटे चर्चा की। दोनों देश इस बात पर सहमत हुए कि रूस के हमले को रोकने के लिए उपाय किए जाएं।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा है कि यूक्रेन सीमा पर नाटकीय रूप से रूसी सेना की तैनाती को देखते हुए हमने कीव से अपने दूतावास को अस्थाई रूप से ल्वीव से संचालित करने का फैसला लिया है। हम सभी अमेरिकी नागरिकों से तुरंत यूक्रेन छोड़ने की अपील करते हैं।
यूक्रेन की 79 साल की नायिका: यूक्रेन में क्या बच्चे, क्या बुजुर्ग, सभी रूसी हमला होने पर देश की रक्षा के लिए सैन्य प्रशिक्षण ले रहे हैं। इन्हीं में से हैं पूर्वी यूक्रेन के कस्बे मरियूपोल की 79 वर्षीय दादी वैलेंतिना कॉन्स्टेंटिनोव्स्काया (Valentina Konstantinovskaya)। नेशनल गार्ड के फौजियों से एके-47 चलाने का प्रशिक्षण लेतीं वैलेंतिवा की तस्वीरें छाई हुई हैं। सारे यूक्रेनवासी एक स्वर में उन्हें नायिका बता रहे हैं।
विवाद की ये वजह: 1997 में यूक्रेन-नाटो कमीशन बनाया गया था, जिससे यूक्रेन नाटो का पार्टनर बन सके। 2008 में यूक्रेन ने खुलकर कहा कि वो भी नाटो का मेंबर बनना चाहता है। इस दौरान यूक्रेन को नाटो से मैसेज मिला कि वो मेंबरशिप के लिए तैयारी करे। 2017 में यूक्रेन की संसद ने एक कानून पारित किया, जिसमें ये कहा गया कि नाटो की सदस्यता पाना यूक्रेन की विदेश नीति का एक बड़ा उद्देश्य है। दिसंबर 2021 में नाटो प्रमुख और यूक्रेन के राष्ट्रपति की मुलाकात हुई। इधर, नाटो को लेकर यूक्रेन की सक्रियता को देख रूस ने सीमा पर अपनी फौजों को तैनात करना शुरू कर दिया।
एक तीर से दो निशाने लगाने की फिराक में रूस: कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि रूस एक तीर से दो निशाने साध रहा है। वो एक तरफ यूक्रेन को नाटो से दूर रखना चाहता है, ताकि वो भविष्य में कभी भी उसके खिलाफ खड़े होने की जुर्रत ना कर सके। दूसरी तरफ, वो यूक्रेन की सीमा पर तनाव पैदा कर अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को खत्म करवाना चाहता है। वर्तमान में यूक्रेन में एक गुट (जिसमें नेता और वहां की जनता दोनों शामिल हैं) रूस में मिलने के लिए तैयार हैं। ये उस हिस्से के लोग हैं, जिनकी सीमा रूस की सीमा से सटी हुई है। वहीं कुछ हिस्से की जनता चाहती है कि यूक्रेन यूरोपियन यूनियन (EU) के साथ बना रहे और नाटो से हाथ मिला ले।