कीव/मॉस्को. रूस के यूक्रेन पर हमले का आज (5 मार्च) 10वां दिन है। 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर हमले शुरू किए थे। यूक्रेन में तबाही का आलम है, लेकिन अब भी यूक्रेन पूरी ताकत से रूस से जूझ रहा है। यूक्रेन के कई शहर रूसी कब्जे की जद से बाहर हैं। वहीं, अमेरिका और नेटो (NATO) के अफसरों ने आशंका जताई है कि यूक्रेन पर अपना कब्जा जमाने के लिए रूस तब तक बम गिराएगा, जब तक सभी शहर खुद सरेंडर नहीं कर देते।
ताजा जानकारी के मुताबिक, रूस ने यूक्रेन के प्रेसिडेंट हाउस के पास हमला किया है। इस पर यूक्रेनी राष्ट्रपति वेलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि रूस का एक और वार खाली गया। जेलेंस्की ने यूरोपीय नेताओं से रूस को रोकने में मदद की अपील की है। कहा कि अगर रूस को नहीं रोका गया, तो पूरा यूरोप खत्म हो जाएगा। रूसी सेना ने यूक्रेन के ओडेसा शहर में एक पुल को उड़ा दिया है।
रूस रोज दाग रहा नई मिसाइल: यूक्रेन की एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है कि रूस ने एक हफ्ते के भीतर यूक्रेन पर 500 से ज्यादा मिसाइलों से हमला किया। रूस रोज 24 अलग-अलग मिसाइलें भी लॉन्च कर रहा है। G-7 देशों का दावा है कि रूस ने यूक्रेन पर क्लस्टर बम बरसाए हैं, जो युद्ध अपराध है।
मुसीबत में यूक्रेनी जनता: यूक्रेन की राजधानी कीव समेत खारकीव, मारियुपोल जैसे शहरों को रूसी सेना ने घेर रखा है। यहां जरूरी सामान की सप्लाई काट दी गई है। इससे नागरिकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
रूस ने फेसबुक-ट्विटर को बैन किया: युद्ध के बीच रूस ने फेसबुक और ट्विटर पर बैन लगा दिया है। पुतिन प्रशासन ने कहा कि रूसी मीडिया के कंटेंट पब्लिशिंग में भेदभाव करने की वजह से यह प्रतिबंध लगाया गया। रूसी सेंसरशिप एजेंसी रोसकोम्नाजोर ने कहा कि फेसबुक-ट्विटर के खिलाफ 26 मामले आए थे, जिसके बाद यह फैसला किया गया। वहीं, फेसबुक ने बयान जारी कर कहा कि रूस के फैसले से लाखों लोगों को भरोसेमंद जानकारी नहीं मिल सकेगी।