कीव/मॉस्को. रूस और यूक्रेन के बीच तनाव कम होने का नाम ही नहीं ले रहा। एक बार फिर स्थितियां बिगड़ गई हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के दो शहरों डोनेत्स्क और लुहांस्क को स्वतंत्र घोषित कर दिया है। इसके बाद उन्होंने इन दोनों शहरों में अपनी सेना भेजकर अलगाववादियों को खुली मदद देने का भी ऐलान कर दिया। पुतिन के इस कदम से पश्चिमी देशों में हलचल मच गई है। यूरोपीय देशों, अमेरिका और ब्रिटेन ने रूस और यूक्रेन के इन दोनों क्षेत्रों पर सख्त प्रतिबंध लगाने की चेतावनी भी जारी कर दी है। जानें रूस ने क्यों उठाया ये कदम...
डोनेत्स्क और लुहांस्क की स्थिति: पूर्वी यूक्रेन में रूस की सीमा से लगा डोनेत्स्क कभी यूक्रेन का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र माना जाता था। यह डोनबास राज्य का मुख्य शहर है, जहां कई खनिजों का भंडार है। ये यूक्रेन के बड़े स्टील उत्पादक केंद्रों में से है। यहां की आबादी करीब 20 लाख है। वहीं, लुहांस्क जिसे पहले वोरोशिलोवग्राद के नाम से जाना जाता था, यूक्रेन के लिए कोयले का अहम भंडार है। यह शहर भी डोनबास क्षेत्र का हिस्सा है और इसकी सीमा भी रूस के साथ लगती है। इस शहर का उत्तरी हिस्सा ब्लैक सी से लगता है।
इसलिए दो क्षेत्रों को लेकर रूस-यूक्रेन में तनाव: डोनेत्स्क और लुहांस्क जिस डोनबास राज्य का हिस्सा हैं, वह रूस और यूक्रेन के बीच तनाव की मुख्य जड़ रहा है। सोवियत संघ के टूटने के बाद डोनबास यूक्रेन का हिस्सा बना। रूस का दावा है कि डोनबास की ज्यादातर आबादी रूसी भाषा बोलती है और लिहाजा उसे यूक्रेन के राष्ट्रवाद से बचाया जाना जरूरी है।
डोनेत्स्क और लुहांस्क में अलगाववाद की आग: डोनेत्स्क और लुहांस्क यूक्रेन के दो ऐसे राज्य हैं, जहां रूस समर्थक अलगाववादियों ने यूक्रेन सरकार के खिलाफ लगातार युद्ध छेड़ रखा है। बागियों ने इन दोनों शहरों को रिपब्लिक भी घोषित किया है। साथ ही, लंबे समय से इन्हें यूक्रेन से अलग स्वतंत्र क्षेत्र घोषित कराने की कोशिश में हैं। पुतिन ने भी सोमवार (21 फरवरी) को साफ तौर पर अलगाववादियों को समर्थन देते हुए इन दोनों क्षेत्रों में अपने सैनिकों को मदद के लिए भेजने का आदेश दिया है।
रूस ने 2014 में क्रीमिया पर कब्जा करने के ठीक बाद इन दोनों ही शहरों में रूस समर्थक अलगाववादियों ने कब्जा करने की कोशिश की और ज्यादातर इलाके पर नियंत्रण हासिल भी कर लिया। उधर, यूक्रेन ने इन दोनों क्षेत्रों में सेना भेजकर अलगाववादियों को रोकने की भरपूर कोशिश की। डोनेत्स्क और लुहांस्क को यूक्रेन में बनाए रखने के लिए यूक्रेनी सैनिक 8 साल से अलगाववादियों का सामना कर रहे हैं। यूक्रेन की सेना और अलगाववादियों की जंग में अब तक 14 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं।
UN की इमरजेंसी मीटिंग: यूक्रेन-रूस में तनाव देखते हुए संयुक्त राष्ट्र (UN) ने आपात बैठक बुलाई है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत के रिप्रेजेंटेटिव टीएस तिरुमूर्ति ने कहा- इस कदम से शांति और सुरक्षा भंग हो सकती है। यह मसला केवल डिप्लोमैटिक बातचीत के जरिए हल हो सकता है। उधर, अमेरिका ने कहा कि रूस का यह कदम यूक्रेन में घुसपैठ का एक बहाना है। हम और हमारे साथी इस बात को लेकर सहमत हैं कि अगर रूस और ज्यादा घुसपैठ करता है तो उसे जल्द और माकूल जवाब देना चाहिए।
यूक्रेन रवाना हुई भारत की फ्लाइट: रूस-यूक्रेन संकट के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए प्रयास शुरू हो गया है। 22 फरवरी की सुबह एयर इंडिया का विशेष विमान यूक्रेन रवाना हो गया। भारत की ओर से 200 से ज्यादा सीटों वाले ड्रीमलाइनर बी-787 प्लेन को विशेष अभियान के लिए तैनात किया गया है।
Air India's special ferry flight left for Ukraine from India today morning to bring back the Indian nationals. The Dreamliner B-787 aircraft deployed for the special operation with a capacity of over 200 seats. The special flight from Ukraine will land in Delhi tonight.
— ANI (@ANI) February 22, 2022