NewYork: सलमान रुश्दी की सेहत में सुधार, वेंटिलेटर हटाया,  जानें जानलेवा हमले के बाद कैसी है हालत,आरोपी बोला- मैं दोषी नहीं

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Vivek Sharma
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NewYork: सलमान रुश्दी की सेहत में सुधार, वेंटिलेटर हटाया,  जानें जानलेवा हमले के बाद कैसी है हालत,आरोपी बोला- मैं दोषी नहीं

NewYork. न्यूयॉर्क में हुए जानलेवा हमला के बाद भारतीय मूल के ब्रिटिश-अमेरिकी लेखक सलमान रुश्दी की हालत में अब सुधार बताया जा रहा है। शुरु से हीम कट्टरपंथियों के निशाने पर रहे सलमान रूश्दी पर हमले की खबर से हड़कंप मच गया है। उन्हें फौरन एयर लिफ्ट कर अस्पताल ले जाया गया।। फिलहाल उनकी तबीयत में धीरे-धीरे सुधार आ रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो उन्हें वैंटिलेटर से हटा दिया गया है। ये भी दावा किया जा रहा है कि वह बोल पा रहे हैं। वहीं,दूसरी ओर सलमान पर हमला करने वाले आरोपी ने कोर्ट में खुद को निर्दोष बताया है। शुक्रवार को रुश्दी पर एक लाइव प्रोग्राम के दौरान 24 साल के हादी मातर ने अटैक किया था। मातर ने उनके गले पर चाकू से 10-15 बार हमला किया, जिसके बाद रुश्दी को एयर लिफ्ट करके एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मातर शिया चरमपंथ से सहानुभूति रखता था। जानकारी के अनुसार रुश्दी के गले और पेट पर चाकू के कई घाव थे। उनकी सर्जरी की गई है। उनके इलाज के लिए पूरी मेडिकल टीम लगी हुई है। 



हत्या के प्रयास और मारपीट का चार्ज



दूसरी ओर मातर पर हत्या के प्रयास और मारपीट का चार्ज लगा है। उसके सोशल मीडिया अकाउंट्स से पता चला है कि वह शिया चरमपंथ और ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के प्रति सहानुभूति रखता है, लेकिन जांच एजेंसियों को अब तक कोई डॉयरेक्ट लिंक नहीं मिला है।  मातर कैलिफोर्निया में पैदा हुआ था। लेकिन वह हाल ही में न्यू जर्सी चला गया। एनबीसी न्यूयॉर्क की रिपोर्ट के मुताबिक, उसके पास एक फेक ड्राइविंग लाइसेंस भी मिला है। अब उसने कोर्ट में अर्जी देकर खुद को निर्दोष बताया है।



33 साल पहले जारी हुआ था फतवा 



सलमान मुस्लिम परम्पराओं पर लिखे उपन्यास ‘द सैटेनिक वर्सेस’ को लेकर विवादों में रहे। ईरान के धार्मिक नेता अयातुल्ला खोमैनी ने 1989 में उनके खिलाफ फतवा जारी किया था। हमले को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि, ईरान के एक डिप्लोमैट ने कहा- हमारा इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है। 



उपन्यास के कारण हत्या और हमले भी हुए



‘द सैटेनिक वर्सेस’ के जापानी ट्रांसलेटर हितोशी इगाराशी की हत्या कर दी गई थी, जबकि इटैलियन ट्रांसलेटर और नॉर्वे के पब्लिशर पर भी हमले हुए। रुश्दी की तारीफ करने के लिए दक्षिण अफ्रीका में भारतीय मूल की महिला लेखक जैनब प्रिया पर भी जानलेवा हमले हुए थे। हमलावरों ने प्रिया के गर्दन पर चाकू रख दिया था। ईंट से चेहरे पर वार किया था। पिछले साल एक इंटरव्यू में रुश्दी से जब पूछा गया कि उनकी जिंदगी अब कैसी चल रही है तो उन्होंने कहा था- जाने दीजिए, मुझे तो अपनी जिंदगी जीना ही है।



तसलीमा नसरीन ने कहा- चिंतित हूं



मशहूर लेखिका तसलीमा नसरीन ने कहा-मुझे अभी पता चला कि न्यूयॉर्क में सलमान रुश्दी पर हमला हुआ है। मैं हैरान हूं। कभी नहीं सोचा था कि ऐसा होगा। यदि उन पर हमला हो जाता है, तो इस्लाम की आलोचना करने वाले किसी भी व्यक्ति पर हमला किया जा सकता है। मैं फिक्रमंद हूं।

 


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