COLOMBO. बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने आखिरकार 14 जुलाई को अपना इस्तीफा दे दिया। गोटबाया सिंगापुर में हैं। इसके बाद कोलंबो की सड़कों पर जश्न का माहौल है। प्रदर्शनकारी गोटबाया के इस्तीफे को अपनी जीत के रूप में देख रहे हैं। लोग देर रात कोलंबो की सड़कों पर निकले और जश्न मनाया। प्रदर्शनकारी अब कब्जाई अहम सरकारी इमारतों से भी हटने लगे हैं।
इधर, श्रीलंका के संसद अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने ने बताया, गोतबाया राजपक्षे का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है। कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है। नया राष्ट्रपति चुने जाने तक प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम करेंगे। नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए सांसदों को 16 जुलाई को बुलाया गया है। 22 जुलाई को राष्ट्रपति के लिए चुनाव होगा। रानिल विक्रमसिंघे ने 9 जुलाई को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। विक्रमसिंघे ने 12 मई को ही प्रधानमंत्री पद संभाला था।
#WATCH | Yes resignation has been accepted, legal process will follow...Members will be invited tomorrow (to elect a President): Sri Lanka Speaker Mahinda Yapa Abeywarden confirms President Gotabaya Rajapaksa's resignation pic.twitter.com/jLomNW64Cq
— ANI (@ANI) July 15, 2022
सिंगापुर ने कहा- गोटबाया निजी दौरे पर हैं
गोटबाया राजपक्षे 14 जुलाई को सिंगापुर पहुंच गए थे। इससे पहले वह अपने देश से फरार होकर मालदीव पहुंच गए थे। इस मसले पर सिंगापुर सरकार ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि राजपक्षे यहां निजी यात्रा पर हैं, उन्हें कोई शरण नहीं दी गई है। सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस बात की पुष्टि हो गई है कि राजपक्षे को सिंगापुर में निजी यात्रा के तौर पर प्रवेश की अनुमति मिली है। बयान में कहा गया कि उन्होंने शरण की कोई मांग नहीं की और न ही उन्हें शरण दी गई है। सिंगापुर आमतौर पर शरण के अनुरोध को मंजूरी नहीं देता। गोटबाया सिंगापुर में खरीदारी करते दिखे।