Colombo. आर्थिक संकट से जूझ रहा श्रीलंका में अब हिंसा की लपट उठ रही है। 9 मई को प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे के बाद भी भीड़ की नाराजगी कम हुई। हिंसक भीड़ ने राजपक्षे के हंबनटोटा स्थित मेदामुलाना में पैतृक के घर को आग लगाकर फूंक डाला। अब तक 12 से ज्यादा मंत्रियों के घर जलाए जा चुके हैं। श्रीलंका में फंसे भारतीयों के लिए हेल्पलाइन नंबर +94-773727832 और ईमेल ID cons.colombo@mea.gov.in जारी की गई है।
AFP के मुताबिक, हजारों प्रदर्शनकारियों ने PM के आधिकारिक आवास 'टेम्पल ट्री' का मेन गेट तोड़ दिया और यहां खड़े ट्रक में आग लगा थी। इसके बाद आवास के अंदर गोलीबारी भी की गई। उग्र होती भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और हवाई फायरिंग की।
MEDAMULLANA SET ON FIRE ????
The ancestral home of the Rajapaksa family in Medamullana, Hambantota set on fire by protesters. #lka #SriLankaEconomicCrisis #SriLankaCrisis pic.twitter.com/llDnvcMIGu
— Dasuni Athauda (@AthaudaDasuni) May 9, 2022
कुरुनेगला में भी प्रदर्शनकारियों ने महिंदा राजपक्षे के घर में आग लगा दी थी। भीड़ ने डीए राजपक्षे मेमोरियल को ध्वस्त कर दिया। ये महिंदा और गोटबाया राजपक्षे के पिता की स्मृति में मेदामुलाना में बना था। प्रदर्शनकारियों ने सत्तारूढ़ गठबंधन के मंत्रियों और सांसदों की कई संपत्तियों को नष्ट कर दिया। 1996 वर्ल्ड कप विजेता श्रीलंकाई टीम के कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने PM आवास पर हिंसा के लिए श्रीलंका पोडुजाना पेरामुना (SLPP) पार्टी को जिम्मेदार ठहराया। रणतुंगा ने कहा कि SLPP ने ही लोगों की हिंसक भीड़ को इकट्ठा किया था। SLPP, राजपक्षे की ही पार्टी है।
पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, लोगों ने तोड़ निकाला
पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे, लेकिन छात्रों ने एक केमिकल से इन गोलों को शांत कर दिया।
Anti tear gas unit used by the protesters. This was pioneered by the university students at parliament grounds. #SriLanka #SLnews #LKA pic.twitter.com/RHs3LY5Mj6
— Sri Lanka Tweet ???????? ???? (@SriLankaTweet) May 9, 2022
श्रीलंकाई सांसद अमरकीर्ति अथुकोरला की मौत
बीते दिनों श्रीलंकाई सांसद अमरकीर्ति अथुकोरला की मौत की खबर भी सामने आई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमरकीर्ति ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग कर दी थी और बाद में भीड़ से बचने के लिए बिल्डिंग में छिप गए। यहीं से उनका शव बरामद हुआ। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं है कि उनकी मौत किस वजह से हुई।
एक महीने में 2 बार लगा आपातकाल
खराब आर्थिक हालात के मद्देनजर लोगों ने 6 मई को नेशनल असेंबली में हिंसक प्रदर्शन किए थे। इसके बाद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने फिर से इमरजेंसी लगाने की घोषणा की थी। श्रीलंका में एक महीने बाद दोबारा आपातकाल लगाया गया है। इसके पहले 1 अप्रैल को भी इमरजेंसी लगाई गई थी, जिसे 6 अप्रैल को हटा दिया गया था।
श्रीलंका में पिछले महीने से बढ़ती कीमतों और बिजली कटौती को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद से श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।