तालिबान के बढ़ते आतंक से अफगानिस्तान परेशान है। अफगानिस्तान ने पहली बार स्वीकार किया है कि तालिबान लश्कर ए तैयबा के साथ मिलकर आतंक फैला रहा है। अफगान विदेश मंत्री हनीफ अतमर ने 3 अगस्त को भारत के विदेश मंत्री से बात की। बता दें कि भारत अभी UNSC की मेजबानी कर रहा है। वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर अफगानिस्तान का पक्ष रखेगा।
आपातकालीन सत्र बुलाने की मांग
हनीफ ने कहा है कि तालिबान के आतंक की वजह से 3 ही हजार लोगों की मौत हो गई है, वहीं अब तक 3 लाख विस्थापित हो गए हैं। विदेश मंत्री ने बयान जारी कर कहा है कि पाकिस्तान के लश्क र-ए-तैयबा, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, अलकायदा, ईस्टा तुर्केस्ता-न इस्लाामिक मूवमेंट और अंसारुल्लााह आदि के 10 हजार सैनिकों के साथ आतंक मचा रहा है। अफगान मंत्री ने भारत के विदेश मंत्री से बात कर आपातकालीन सत्र बुलाने की मांग की है। भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मेजबानी कर रहा है।
राष्ट्रपति तालिबान के निशाने पर
अफगानिस्तान से अमेरिकी फौज वापस आ रही है। इससे तालिबान को हिम्मत मिल गई। तालिबान ने कुछ वक्त पहले ही राष्ट्रपति भवन पर तीन रॉकेट दागे थे। कुछ दिन पहले कंधार एयरपोर्ट पर भी तीन रॉकेट दागे थे, जिसके बाद से हवाई सेवा बंद कर दी गई।