REPORT: दुनिया की आबादी 8 अरब पहुंची; भारत का रिप्रोडक्शन रेट इतना ही रहा तो अगले साल चीन से ज्यादा जनसंख्या हमारी होगी

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The Sootr CG
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REPORT: दुनिया की आबादी 8 अरब पहुंची; भारत का रिप्रोडक्शन रेट इतना ही रहा तो अगले साल चीन से ज्यादा जनसंख्या हमारी होगी

NEW DELHI. 11 जुलाई हर साल विश्व जनसंख्या दिवस (World Population Day) के रूप में मनाया जाता है। विश्व जनसंख्या दिवस मनाने की शुरुआत 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की गवर्निंग काउंसिल (UNDP) ने की थी। वर्ल्डोमीटर (worldometer)  के मुताबिक, इस साल वर्ल्ड की पॉपुलेशन करीब 8 अरब हो गई है। पिछले साल यह 7.5 अरब से ज्यादा थी। 



पहले इस दिन को एक उत्सव के रूप में मनाया जाता था। यह दिन विकास का प्रतीक माना जाता था। हालांकि, अब लगातार बढ़ रही पॉपुलेशन के देखते हुए 11 जुलाई को पॉपुलेशन अवेयरनेस के कैम्प लगाए जाते हैं। इस साल की वर्ल्ड पॉपुलेशन डे थीम (World population day theme) भी इसी अवेयरनेस पर बेस्ड है। इस दिन पूरी दुनिया में पॉपुलेशन को कंट्रोल करने के लिए तरह-तरह के उपाय बताए जाते हैं। साथ ही परिवार नियोजन (Family planning) के बारे में भी बात की जाती है। जिससे विश्व की बढ़ रही जनसंख्या पर कंट्रोल किया जा सके। 



World Population Day 2022 Theme



विश्व जनसंख्या दिवस 2022 की थीम- 8 अरब लोगों की दुनिया: सभी के लिए लचीला भविष्य, अवसर, अधिकार और विकल्प सुनिश्चित करना है। इस साल की थीम से यह क्लियर है कि दुनिया की बढ़ती आबादी चिंता का विषय है। दुनिया की आबादी आठ अरब के चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई है। लेकिन लोगों के अधिकारों और अवसरों को सुनिश्चित भी करना है। वहीं पिछले साल की थीम- कोविड-19 महामारी का प्रजनन क्षमता (fertility) पर प्रभाव थी। 



चीन से कितना पीछे भारत?



यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड (United Nations Population Fund) के मुताबिक भारत की जनसंख्या वर्तमान में लगभग 1.40 अरब है और चीन की जनसंख्या 1.44 अरब है। इसी अनुमान के मुताबिक 2023 तक भारत चीन को पीछे छोड़ देगा और दुनिया का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश बन जाएगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि चीन का वर्तमान में रिप्रोडक्शन रेट 1.7 है । वहीं भारत का वर्तमान में रिप्रोडक्शन रेट 2 है।



अगले 35 साल में 10 अरब के पार



संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के अनुमानों के मुताबिक जुलाई 2022 में वर्ल्ड की पॉपुलेशन 8 अरब हो गई है। 2037 में यह 9 अरब तक और 2057 तक यह 10 अरब के पार हो जाएगी। 

 

Five Billion Day ने बढ़ाई चिंता



पहली बार विश्व जनसंख्या दिवस को 11 जुलाई 1987 को फाइव बिलियन डे (Five Billion Day) को मानाया गया था। तब दुनिया की आबादी पांच अरब के पार पहुंच गई थी। जिस पर संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने पर पहली बार चिंता जताई थी। तब से ही यूनाइटेड नेशंस ने विश्व में बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने और फैमिली प्लानिंग को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने की शुरुआत की थी।



जनसंख्या वृद्धि से क्या है नुकसान



किसी भी चीज की अति ठीक नहीं होती। ठीक इसी पर थॉट पर बेस्ड है वर्ल्ड पॉपुलेशन डे। यदी पॉपुलेशन बढ़ती है तो रिसोर्सेज कम पड़ जाएंगे जिससे सभी की नीड्स पूरी करना मुश्किल होगा। जिससे भुखमरी जैसी प्रॉबलम्स फेस करनी पड़ेंगी। इकोसिस्टम पर भी बुरा असर पड़ेगा जिससे लाईफ साइकिल ब्रेक होगी। वहीं पॉपुलेशन में बढ़ोतरी कई प्रदूषण को जन्म देगी। जिससे कई बीमारियां भी फैलेंगी। कोरोना जैसी न जाने कितनी महामारियों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं पॉपुलेशन जरूरत से ज्यादा बढ़ने से वित्तीय संकट का भी सामना करना पड़ेगा।


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