कीव. रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की सबसे बड़ी वजह नाटो की सदस्यता है। यूक्रेनियन राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इस वजह को खत्म करने का ऐलान किया है। जेलेंस्की ने कहा कि अब यूक्रेन नाटो की सदस्यता नहीं लेगा। उन्होंने कहा कि गठबंधन (NATO) विवादास्पद चीजों और रूस के साथ टकराव से डरता है। नाटो का जिक्र करते हुए कहा कि वह ऐसे देश का राष्ट्रपति नहीं बनना चाहते, जो घुटनों के बल कुछ मांग रहा हो। जेलेंस्की ने ये बयान एबीसी न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में दिया है।
डोनेट्स्क और लुगांस्क पर भी समझौते के लिए तैयार: रूस ने यूक्रेन पर हमला करने से पहले 24 फरवरी को यूक्रेन के रुसी समर्थक क्षेत्र डोनेट्स्क और लुगांस्क को स्वतंत्र घोषित करने का ऐलान किया था। इसी के बाद दोनों देशों के बीच जंग छिड़ी थी। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चाहते हैं कि यूक्रेन दोनों क्षेत्र को संप्रभु और स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दे। इसके बाद यूक्रेन दोनों क्षेत्र को लेकर समझौता करने के लिए तैयार है। जेलेंस्की ने कहा कि वे दो अलग-अलग रूसी समर्थक क्षेत्र डोनेट्स्क और लुगांस्क की स्थिति पर बातचीत करने के लिए तैयार है।
यूक्रेन नहीं खोना चाहते: इससे पहले राष्ट्रपति जेलेंस्की ने हाउस आफ कामंस में ब्रिटिश सांसदों को संबोधित किया था। जेलेंस्की ने कहा था कि यूक्रेनी अपना देश नहीं खोना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह नाजियों के हमले के दौरान ब्रिटिश अपना देश नहीं खोना चाहते थे, वैसे ही हम भी अपना देश नहीं खोना चाहते हैं। बता दें कि हाल में ही यूक्रेन में नो फ्लाई जोन को लागू से नाटो ने इनकार कर दिया था, जिस पर जेलेंस्की भड़क गए। उन्होंने नाटो के इस फैसले की आलोचना की और कहा कि इससे अब रूस को यूक्रेन के शहरों और गांवों पर बम बरसाने की इजाजत मिल गई। जेलेंस्की ने यह भी कहा कि नाटो इस बात को जानता है कि रूस अभी और ज्यादा हमले करेगा। फिर भी नाटो ने जानबूझकर ऐसा फैसला लिया है।