KABUL/DUSHANBE. इस साल का फरवरी महीना भूकंप का महीना होने जा रहा है। अब 23 फरवरी को अफगानिस्तान और ताजिकिस्तान में भूकंप आया। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.8 रही। चीन की सीमा से सटे इलाकों में भी भूकंप का असर देखने को मिला। अफगानिस्तान में 23 फरवरी सुबह 6.07 मिनट पर धरती कांपी। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के फैजाबाद से 265 किलोमीटर दूर स्थित है। इससे पहले तुर्किए में 6 फरवरी को विनाशकारी (7.8 तीव्रता) भूकंप में 46 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, तुर्किए में 20 फरवरी को 6.4 और 5.8 तीव्रता के दो और भूकंप आए थे, जिसमें 6 लोगों को मौत और 294 घायल हो गए थे।
भूकंप ने तुर्की और सीरिया में मचाई तबाही
6 फरवरी 2023 को भूकंप ने तुर्किए और सीरिया में तबाही मचाई थी। 7.8 तीव्रता के भूकंप में दोनों देशों में अब तक 46 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। अकेले तुर्किए में भूकंप से 2 लाख से ज्यादा अपार्टमेंट तबाह हो गए। भूकंप का केंद्र तुर्की-सीरिया बॉर्डर पर था। हजारों लोग अभी भी लापता हैं।
भारत ने तुर्किए-सीरिया में मदद के लिए ऑपरेशन दोस्त चलाया था। भारत ने रेस्क्यू टीम के साथ खाने का सामान समेत कई चीजें भेजी थीं। ये दल अपना काम खत्म करके देश लौट आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दल के लौटने के बाद उनसे मुलाकात भी की थी।
जानें क्यों आता है भूकंप?
धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी होती हैं। इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लेथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिसे टेक्टॉनिक प्लेट्स कहते हैं। ये टेक्टॉनिक प्लेट्स अपनी जगह पर कंपन करती रहती हैं और जब इस प्लेट में बहुत ज्यादा कंपन हो जाती हैं, तो भूकंप महसूस होता है।
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