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इंटरनेशनल डेस्क. अमेरिका को रूस में पुतिन के खिलाफ होने वाली बगावत की कई हफ्ते पहले से जानकारी थी। रिपोर्ट्स में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। अमेरिकी इंटेलिजेंस के पास व्लादिमिर पुतिन के खिलाफ विद्रोह के बारे में तफ्सील से इंटेलिजेंस रिपोर्ट मौजूद थीं। US ने नाटो को हकीकत नहीं बताई थी। वहीं सिर्फ ब्रिटेन को जानकारी दी थी।
नाटो को क्यों नहीं दी जानकारी ?
- नाटो के चार्टर में साफ तौर पर कहा गया है कि इसके मेंबर्स इंटेलिजेंस शेयरिंग करेंगे। इसके बावजूद अमेरिका ने सिर्फ ब्रिटेन को इसकी जानकारी दी, लेकिन बाकी मेंबर कंट्रीज को पुतिन के खिलाफ देश में सुलग रही आग की भनक तक नहीं लगने दी।
पुतिन ने क्या कहा ?
रूस में वैगनर आर्मी का विद्रोह खत्म होने के 2 दिन बाद सोमवार को पहली बार राष्ट्रपति पुतिन ने देश को संबोधित किया था। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश चाहते थे कि रूसी लोग एक-दूसरे से लड़ें। इसके जरिए वे यूक्रेन जंग में मिल रही लगातार हार का बदला लेना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हमारा देश हर हाल में एकजुट है। पुतिन ने कहा कि वैगनर ग्रुप के लड़ाके सच्चे देशभक्त हैं, जो अपने देश और नागरिकों के साथ गद्दारी नहीं कर सकते। कुछ लोगों ने सैनिकों को अंधेरे में रखा और उन्हें अपने ही भाइयों के सामने बंदूक लेकर खड़ा कर दिया। जिनके साथ कभी वे कंधे से कंधा मिलाकर लड़े थे।
पुतिन ने जवानों को दिया ऑफर
पुतिन ने वैगनर के जवानों को ऑफर देते हुए कहा कि सैनिक या तो रूस की सेना में शामिल हो जाएं या घर लौट जाएं। इसके बाद पुतिन ने मंगलवार को सुरक्षा अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग भी की। पुतिन ने इस बात की पुष्टि भी की कि विद्रोह के दौरान वैगनर ने सेना के हेलिकॉप्टर को मार गिराया था। पुतिन ने हमले में मारे गए पायलेट्स को श्रद्धांजलि दी।
वैगनर चीफ प्रिगोजिन ने क्या कहा था ?
वैगनर के चीफ येवगेनी प्रिगोजिन ने रूस में तख्तापलट की कोशिश से साफ इनकार कर दिया था। प्रिगोजिन का कहना है कि वे पुतिन को हटाना नहीं चाहते हैं। एक सोशल मीडिया ऐप पर जारी अपने 11 मिनट के ऑडियो में प्रिगोजिन कहते हैं कि वैगनर आर्मी का मकसद यूक्रेन में उनके कैंप पर रूसी हमले का विरोध दर्ज कराना था। हमने अपना मार्च अन्याय से लड़ने के लिए शुरू किया था।
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वैगनर आर्मी ने 23 जून को की थी बगावत
रूस की प्राइवेट आर्मी वैगनर ने 23 जून को बगावत की थी। आर्मी ने रोस्तोव शहर और मिलिट्री हेडक्वार्टर पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने वैगनर और पुतिन के बीच समझौता कराया था। इसके बाद वैगनर के लड़ाके पीछे हट गए और प्रिगोजिन को रूस छोड़कर बेलारूस जाने का आदेश दे दिया गया।