काबुल. 7 सितंबर को अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) की सरकार का ऐलान हो गया है। मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद (Mullah Hassan Akhund) को अफगानिस्तान का प्रधानमंत्री बनाया गया है। मुल्ला अखुंद की अगुवाई में गठित होने वाली इस सरकार में मुल्ला याकूब (Mullah yaqoob) रक्षा मंत्री होंगे और सिराज हक्कानी को गृह मंत्री बनाया गया है। खास बात है कि 33 मंत्रियों की पूरी टीम में एक भी महिला शामिल नहीं है।
कौन हैं मुल्ला हसन अखुंद
मुल्ला हसन अखुंद फिलहाल रहबारी शूरा (लीडरशिप काउंसिल) के प्रमुख हैं। रहबारी शूरा तालिबान से संबंधित शक्तिशाली निर्णय लेने वाली संस्था है। मुल्ला अखुंद सशस्त्र आंदोलन की शुरुआत करने वाले नेताओं में शामिल थे। तालिबान नेताओं (talibani leader) का दावा है कि सैन्य पृष्ठभूमि के बजाय उनकी धार्मिक पृष्ठभूमि अधिक है और वह अपने चरित्र और भक्ति के लिए जाने जाते हैं।
तालिबानी मंत्रिमंडल इस तरह होगा
मुल्ला अखुंद की टीम में अब्दुल गनी बरादर उप प्रधानमंत्री होंगे। खैरउल्लाह खैरख्वा को सूचना मंत्री का पद दिया गया है। अब्दुल हकीम को न्याय मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। शेर अब्बास स्टानिकजई को डिप्टी विदेश मंत्री बनाया गया है। वहीं जबिउल्लाह मुजाहिद को सूचना मंत्रालय में डिप्टी मंत्री की कमान दी गई है।
कंधार हाईजैक के मास्टरमाइंड का बेटा है मुल्ला याकूब
मुल्ला याकूब उसी मुल्ला उमर का बेटा है, जो 1999 में हुए कंधार हाईजैक का मास्टरमाइंड था। 24 दिसंबर 1999 को पाकिस्तानी आतंकियों ने इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 को जैश-ए-मोहम्मद के सरगना आतंकी मसूद अजहर, अल उमर मुजाहिदीन का आतंकी मुश्ताक अहमद जरगर और अलकायदा आतंकी अहमद उमर सईद शेख की रिहाई के लिए हाईजैक कर लिया था। नेपाल की राजधानी काठमांडू से उड़े इस विमान को आतंकी अफगानिस्तान के कंधार में ले गए थे। तब कंधार में तालिबान का राज था। ये तीनों आतंकी भारतीय जेल में बंद थे। इस फ्लाइट में 176 यात्री सवार थे, जिन्हें हाईजैकर्स ने 7 दिनों तक बंधक बनाए रखा था।