अहमदाबाद. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन दो दिन के दौरे पर भारत आए हैं। भारत यात्रा आए बोरिस अहमदाबाद के साबरमती आश्रम पहुंचे। यहां उन्होंने चरखा चलाया। इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौजूद रहे। बोरिस जॉनसन को साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी की शिष्या बनी मेडेलीन स्लेड उर्फ मीराबेन की आत्मकथा 'द स्पिरिट्स पिलग्रिमेज' और 'गाइड टू लंदन' पुस्तक उपहार में दी गई। मेडेलीन स्लेड ब्रिटिश रियर-एडमिरल सर एडमंड स्लेड की बेटी थीं। यह किताब महात्मा गांधी की दो किताबों में से एक है, जो कभी पब्लिश नहीं हुई।
यहां की विजिटर बुक में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने लिखा कि इस असाधारण व्यक्ति के आश्रम में आना एक बहुत बड़ा सौभाग्य है। यह समझने के लिए कि कैसे उन्होंने सच्चाई और अहिंसा के ऐसे सरल सिद्धांतों को बेहतर बनाने के लिए दुनिया को बदलने के लिए प्रेरित किया।
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर सकारात्मक रुख
भारत और ब्रिटेन दोनों के ही फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर सकारात्मक रुख दिखा रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि जॉनसन की इस विजिट से अहम प्रगति होगी। ब्रिटेन, भारत के साथ सालाना कारोबार को 2.89 लाख करोड़ तक ले जाने का इच्छुक है।
जॉनसन-मोदी करेंगे ट्रेड एग्रीमेंट पर बात
ब्रिटिश प्रधानमंत्री गुरुवार को गुजरात में कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे। वह शाम को दिल्ली के लिए रवाना होंगे। 22 अप्रैल को मोदी के साथ शिखर बैठक करेंगे। ब्रिटिश पीएम की भारत दौरे से पहले 'नए युग की ट्रेड डील' (अर्ली हार्वेस्ट डील) की काफी ज्यादा चर्चा है। इस डील को फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से अलग हटकर बताया जा रहा है। इस अर्ली हार्वेस्ट डील में गुड्स एंड सर्विसेज और निवेश को ही नहीं बल्कि इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स, जियोग्राफिकल इंडिकेशन और सतत विकास को भी शामिल किया जाएगा. जॉनसन की यात्रा के समय इस पर साइन होने की संभावना है।
5300 करोड़ रुपए के निवेश समझौतों पर सहमति
भारत, ब्रिटेन में 5300 करोड़ रुपए के निवेश समझौतों पर सहमति दे चुका है। उधर, 2023 में G-20 बैठक की अध्यक्षता भारत के पास होगी। ब्रिटेन इस बैठक में अहम भूमिका के साथ हिस्सेदारी करना चाहता हैं। इस पर भी चर्चा होगी। भारत यात्रा से पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि भारत आर्थिक महाशक्ति और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। वर्तमान अस्थिर वैश्विक हालात में भारत, ब्रिटेन का अहम रणनीतिक साझेदार है।
यूक्रेन युद्ध पर भी भारत अपना पक्ष रखेगा
मोदी और जॉनसन के बीच यूक्रेन युद्ध पर भी बातचीत होगी। भारत अपना पक्ष रखेगा। पश्चिमी देश इस युद्ध में भारत को अपने साथ खड़े देखना चाहते हैं। जबकि भारत तटस्थ रुख अपनाए हुए है, लेकिन कई पश्चिमी देशों के नेताओं के साथ बैठक के माध्यम से भारत ने शांति के पक्ष में आवाज उठाई है। अनुमान है कि मोदी-जॉनसन की मीटिंग में इंडो-पैसिफिक भी मुख्य मुद्दा रहेगा।