NEW YORK. अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां कई सालों से मुर्दों की खरीद-फरोख्त हो रही थी। इस काम में यहीं का एक स्टॉफ कपल शामिल था। पति-पत्नी हार्वर्ड के मेडिकल स्कूल के मुर्दाघर से डेड बॉडीज के अंग चुराकर बेच रहे थे। उन्होंने हड्डियां-खाल तक बेची है। उन्हें इंसान के एक सिर के बदले करीब एक हजार अमेरिकी डॉलर (80 हजार भारतीय रुपए से ज्यादा) मिलते थे। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। अब दोनों पर मुकदमा चलाया जा रहा है। इसके लिए उन्हें 15 साल की सजा हो सकती है।
रिसर्च के लिए दान में मिले शव के अंग ऑनलाइन बेचे
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सेड्रिक लॉज नाम का शख्स हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के मुर्दाघर में मैनेजर था। यहां पूरे अमेरिका से दान किए मुर्दों को लाया जाता था। यहीं पर सेड्रिक अपनी पत्नी डेनिश के साथ मिलकर शवों से अंग चुरा लेता था। उन शवों के अंगों को पति-पत्नी ऑनलाइन बेचते थे। देशभर में उनका नेटवर्क फैला हुआ था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुर्दों के अंग को चुराने का यह काम कई सालों से चल रहा था। हार्वर्ड जैसी प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में लाशों की खरीद-बिक्री ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है। दुनिया भर के ब्लैक मार्केट में शवों के अंगों की काफी मांग है। हालांकि ज्यादातर देशों में ऐसा करना अपराध माना जाता है।
सिर, हड्डियां, स्किन और मांस तक बेचा
सेड्रिक और उसकी पत्नी लाश से उन्हीं अंगों को चुराते थे, जिसकी ब्लैक मार्केट में ऊंची कीमत हो। दोनों आमतौर पर लाश से सिर, हड्डियां, स्किन और मांस निकाल कर बेचा करते थे। कई बार सेड्रिक अपने ग्रहकों को मुर्दाघर भी बुलाता था और लाश से उनकी जरूरत का पार्ट्स निकालकर बेचता था।
डरावनी गुड़िया बनाने वाली महिला ने खरीदा लाश का चेहरा
चार्जिंग स्टेटमेंट के मुताबिक सेड्रिक ने 2020 में मैकलीन नाम की महिला को एक लाश के चेहरे की स्किन बेची थी। इसके लिए मैकलीन ने सेड्रिक को लगभग 50 हजार रुपए दिए। चौंकाने वाली बात यह भी है कि शुरुआती जांच में पता चला है कि मैकलीन एक दुकान चलाती है, जिसमें डरावने खिलौने बनाए और बेचे जाते हैं। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि मैकलीन लाश के चेहरे का इस्तेमाल करती हो। मैकलीन डॉल में खून का इस्तेमाल करती थी। इसलिए भी इसका शक गहरा रहा है कि मैकलीन असली मुर्दे के बॉडी पार्ट्स से ही डरावनी गुड़िया बनाया करती थी।
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सिर नंबर 7 के लिए एक हजार डॉलर
सेड्रिक और उसकी पत्नी के पास से एक और ग्राहक की डिटेल मिली है। इसमें कई ऑनलाइन पेमेंट भी शामिल हैं। ऐसे ही एक पेमेंट में लिखा था कि ‘सिर नंबर 7 के लिए एक हजार डॉलर’। इसके आधार पर बताया जा रहा कि इससे पहले भी सेड्रिक ने कम से कम 6 लाशों के सिर बेचे थे और प्रत्येक सिर के लिए एक हजार डॉलर यानी 80 हजार रुपए से ज्यादा लिए। सेड्रिक सिर्फ इस ग्राहक से ही पिछले 4 सालों में 50 लाख रुपए से ज्यादा की डील कर चुका था।
अंगों का इस्तेमाल दवाइयां बनाने और गैर-कानूनी रिसर्च में
इन शवों के अंगों का इस्तेमाल पारंपरिक दवाइयां बनाने और गैर-कानूनी रिसर्च में होता था। कई जगह लोग शौकिया रूप से भी अपने घर या फॉर्म हाउस में इंसानी खोपड़ी सजाना चाहते थे। वहां भी इसे ऊंची कीमत पर बेचा जाता।
पति-पत्नी को हो सकती है 15 साल तक की सजा
अमेरिकी कानून के मुताबिक लाश की गरिमा के साथ खिलवाड़ करना और डेड बॉडी की खरीद-फरोख्त करना अपराध है। अगर सेड्रिक और उसकी पत्नी दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें 15 साल तक की सजा हो सकती है। जिस तरह से एक के बाद एक सबूत सेड्रिक और उसकी पत्नी के खिलाफ जा रहे हैं, ऐसे में दोनों को सजा मिलना लगभग तय माना जा रहा है।
चीन ने अफ्रीकी देशों को बेचा इंसानी मांस
कुछ साल पहले अफ्रीकी देशों में चीन से आने वाले डिब्बाबंद मीट पर बवाल हुआ। कई मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया गया कि जानवरों का मांस बताकर चीन से इंसानी मांस भेजा जा रहा है और अफ्रीका में इसके खरीदार भी मिल रहे हैं। इस खुलासे पर पूरी दुनिया में तहलका मचा। बाद में चीनी विदेश मंत्रालय ने सफाई दी कि उनके देश से इंसानी मांस अफ्रीका नहीं भेजा जा रहा है। इस दौरान पूरे अफ्रीका में इंसानी मांस की पैकेजिंग और कटिंग के कई फोटो वायरल हुए। बताया गया कि ये फोटोज चीन के हैं।
‘लाश की गरिमा’ को लेकर स्पष्ट नहीं भारत का कानून
भारतीय संविधान में व्यक्ति को गरिमा से साथ जीने का हक दिया गया है, लेकिन बात जब लाश की हो तो कानून में इसके बारे में कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है। यही वजह है कि पिछले दिनों कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक ऐसे आरोपी को बरी कर दिया, जिस पर लाश के साथ रेप करने के आरोप लगे थे। कोर्ट का कहना था कि कानून में सिर्फ जिंदा लोगों के साथ रेप की स्थिति में उसकी सजा का प्रावधान है।
दान की लाश से पहले भी हुआ खिलवाड़
इससे पहले 2005 में भी अमेरिका में ऐसा मामला सामने आ चुका है। तब न्यूयॉर्क पुलिस ने माइकल मास्ट्रोमैरिनो नाम के एक डॉक्टर को पकड़ा था। डॉक्टर रिसर्च के लिए दान में मिली लाशों से जरूरी अंग निकालकर उसे ब्लैक ऑर्गन मार्केट में ऊंची कीमत पर बेचा करता था। मेडिकल फील्ड में अंगों की कमी के चलते देश और दुनिया के ब्लैक मार्केट में ऊंचे दामों पर बॉडी ऑर्गन बेचे जा रहे हैं, जो गैरकानूनी तरीके से हासिल किए जाते हैं। ऑर्गन डोनेशन की कमी कितनी है और इसकी जरूरत क्यों है और किस तरह से इसकी तस्करी की जा रही है।