New Delhi. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बीबीसी द्वारा बनाई गई डॉक्यूमेंट्री इंडिया द मोदी क्वेश्चन को लेकर हुआ विवाद थमता नजर नहीं आ रहा। अब इस मामले में ब्रिटेन की सरकार भी कूदती नजर आ रही है। ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने डॉक्यूमेंट्री को लेकर एक बयान दिया है। बयान में उन्होंने कहा है कि मैने इस डॉक्यूमेंट्री को देखा तो नहीं है लेकिन मैने यूके और इंडिया की प्रतिक्रियाएं देखी हैं।
सूत्र बता रहे हैं कि जेम्स क्लेवरली और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच हुई मुलाकात में भी यह मुद्दा उठ चुका है। तब क्लेवरली ने बीबीसी के ऑफिसों में हुए आयकर विभाग के सर्वे का मुद्दा उठाया था। हालांकि इसके बाद एस जयशंकर ने जोर देकर कहा कि भारत में काम करने वाली सभी संस्थाओं को कानून का पूरी तरह पालन करना चाहिए।
जेम्स क्लेवरली ने अपने बयान में कहा है कि बीबीसी एक स्वतंत्र संगठन है और सरकार से अलग है। मैने डॉक्यूमेंट्री तो नहीं देखी है लेकिन मैने यूनाईटेड किंगडम और इंडिया में डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिक्रियाएं देखी हैं। मैं डॉ एस जयशंकर के साथ मजबूत व्यक्तिगत संबंध का आनंद लेता हूं। ब्रिटेन और भारत के बीच ताल्लुकात दिन ब दिन मजबूत होते जा रहे हैं। बता दें कि बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री के रिलीज होने के कुछ हफ्ते बाद ही इंकमटैक्स डिपार्टमेंट ने बीबीसी के दफ्तरों पर एक सर्वेक्षण किया था।
- यह भी पढ़ें
हाउस ऑफ कॉमन्स में भी उठा मुद्दा
सप्ताह भर पहले विदेश, कॉमनवेल्थ और डेवलपमेंट ऑफिस के उप मंत्री ने ब्रिटेन में हाउस ऑफ कॉमन्स में उठाए गए एक सवाल का जवाब भी दिया था, जिसमें कहा गया था कि सरकार इंकम टैक्स की जांच को लेकर लगाए गए आरोपों पर टिप्पणी नहीं कर सकती, लेकिन यह जोर भी दिया गया कि मीडिया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मजबूत लोकतंत्र के लिए आवश्यक तत्व है।
फॉरेन कॉमनवेल्थ डेवलपमेंट ऑफिस के संसदीय उप मंत्री डेविड रटले ने इंडिया के साथ व्यापक और गहरे संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि ब्रिटेन रचनात्मक तरीके से मुद्दों पर चर्चा करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि हम बीबीसी के लिए खड़े हैं, हम बीबीसी को फंड देते हैं, हमें लगता है कि बीबीसी वर्ल्ड सर्विस महत्वपूर्ण है। हम चाहते हैं कि बीबीसी को एडिटोरियल फ्रीडम मिले।