Beijing. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका दौरे पर हैं। मोदी के इस दौरे से चीन बौखला गया है। अब उसने अमेरिका पर निशाना साधा है। मोदी की यात्रा के मामले में चीन के टॉप डिप्लोमैट और पूर्व विदेश मंत्री वांग यी ने ग्लोबल टाइम्स में एक आर्टिकल लिखा। उन्होंने कहा- अमेरिका भारत के साथ अपने रिश्तों को इसलिए मजबूत कर रहा है क्योंकि वो चीन के आर्थिक विकास को रोककर खुद आगे निकलना चाहता है। अमेरिका की ये रणनीति फेल हो जाएगी क्योंकि ग्लोबल सप्लाई चेन में भारत या कोई भी देश चीन को पछाड़ नहीं सकता है।
एपल जैसी बड़ी कंपनियों को चीन से अलग करना मुमकिन नहीं
वांग यी ने लिखा- भारत को अमेरिका के जियोपॉलिटिकल जोड़-तोड़ से बचना चाहिए। अमेरिका चीन को रोकने के लिए यह सेल्फिश गेम खेल रहा है, लेकिन भारत को अपने विकास लिए चीन के साथ ट्रेड और इकोनॉमिक को-ऑपरेशन बढ़ाना बेहद जरूरी है। वांग यी ने कहा कि भले ही भारत में लगातार अमेरिकी कंपनियों का निवेश बढ़ा है, लेकिन एपल जैसी बड़ी कंपनियों को अब चीन से अलग करना मुमकिन नहीं है।
भारत के बिजनेस एनवॉयर्नमेंट, इंडस्ट्री सप्लाई चेन में बड़ी दिक्कत
वांग यी के मुताबिक, भारत का मार्केट पोटेंशियल अच्छा है, लेकिन यहां का बिजनेस एनवॉयर्नमेंट और इंडस्ट्री सप्लाई चेन एक बड़ी दिक्कत है। अमेरिका के साथ भारत के ट्रेड का असर चीन के साथ उसके व्यापार पर नहीं पड़ेगा। भारत जितना ज्यादा अमेरिका को एक्सपोर्ट करेगा उतना ज्यादा उसे चीन से इम्पोर्ट करने की जरूरत पड़ेगी।
चीन को टारगेट बनाने से कुछ नहीं मिलेगा
वांग ने कहा- अगर भारत-अमेरिका को अपने ट्रेड और इकोनॉमिक कॉर्पोरेशन को बढ़ाना है तो उन्हें अपने बीच की दिक्कतों को हल करने की कोशिश करनी चाहिए। चीन को टारगेट बनाने से उन्हें कुछ नहीं मिलेगा।
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भारत का अमेरिका को एक्सपोर्ट बढ़ा, लेकिन चीन से इम्पोर्ट में भी इजाफा हुआ
वांग यी ने अपने लेख में आगे लिखा, अमेरिका और भारत के बीच आर्थिक और व्यापार सहयोग बढ़ रहा है। अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक वित्तीय वर्ष में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर बन गया है। 2022-23 में जहां भारत का अमेरिका को एक्सपोर्ट स्पष्ट रूप से बढ़ रहा है, वहीं चीन से भारत का इम्पोर्ट भी काफी बढ़ गया है।
चीन अब भी भारत के लिए सबसे बड़ा इम्पोर्ट का जरिया
आंकड़ों के मुताबिक, 2022-23 में भारत का अमेरिका को एक्सपोर्ट 2.81% बढ़कर 78.31 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस दौरान, चीन से भारत का इम्पोर्ट 4.16% बढ़कर 98.51 अरब डॉलर पर पहुंच गया। चीन भारत के लिए अब भी सबसे बड़ा इम्पोर्ट का जरिया बना हुआ है।