इंटरनेशनल डेस्क. चीन ने कोरोना को हथियार के तौर पर तैयार किया था। कोरोना वायरस चीन का बायोवेपन है। ये दावा वुहान की लैब में काम करने वाले एक रिसर्चर ने किया है। रिसर्चर चाओ शाओ ने कहा कि मुझे और मेरे साथियों को टेस्टिंग के लिए वायरस के 4 स्ट्रेन्स दिए गए थे, जिससे ये पता चल सके कि कौन सा स्ट्रेन सबसे ज्यादा संक्रामक है।
कोरोना के स्ट्रेन्स पर टेस्टिंग करने को कहा था
रिसर्चर चाओ शाओ का इंटरव्यू 2020 का है, लेकिन ये अब सामने आया है। रिसर्चर ने 26 मिनट की बातचीत में कई खुलासे किए। चाओ शाओ ने बताया कि उनसे कोरोना के स्ट्रेन्स पर टेस्टिंग करने के लिए कहा गया था। इस जांच का मकसद ये जानना था कि कौन सा स्ट्रेन सबसे जल्दी और सबसे प्रभावी तरह से इंफेक्शन फैला रहा है। इसके साथ ही कौन सा स्ट्रेन इंसानों पर सबसे ज्यादा असरदार है।
2019 के मिलिट्री वर्ल्ड गेम्स में वायरस फैलाने गए थे रिसर्चर्स
चाओ शाओ ने बताया कि 2019 के मिलिट्री वर्ल्ड गेम्स के दौरान हमारे कुछ रिसर्चर्स साथी लापता हो गए थे। बाद में उनमें से एक ने बताया था कि हमें अलग-अलग देशों से आए खिलाड़ियों की हाइजीन कंडीशन्स चेक करने के लिए होटल भेजा गया था। खिलाड़ियों के हेल्थ चेकअप के लिए वायरोलॉजिस्ट की जरूरत नहीं होती है।
शान चाओ ने अप्रैल 2020 में कोरोना स्ट्रेन पर की थी रिसर्च
शान चाओ ने बताया कि इन लोगों का असली टारगेट कोरोना फैलाना था। चाओ ने बताया कि उसे शिनजियांग के री-एजुकेशन कैंप में रह रहे उइगर लोगों के हेल्थ चेक-अप के लिए भेजा गया था। शान चाओ ने अप्रैल 2020 में कोरोना स्ट्रेन पर रिसर्च पर काम किया था। शाओ ने आशंका जताई कि चाओ को असल में या तो कोरोना फैलाने या फिर इंसानों पर ये कैसे रिएक्ट करता है, ये देखने के लिए भेजा गया था।
अमेरिकी रिपोर्ट का दावा- वुहान से लीक हुआ था कोरोना
अमेरिकी रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कोरोना वायरस चीन की वुहान लैब से ही लीक हुआ था और बाद में इसने पूरी दुनिया को चपेट में ले लिया। सबसे पहले वुहान लैब के 3 साइंटिस्ट कोरोना वायरस का शिकार हुए थे। रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया था कि चीन की इस हरकत के सबूत अमेरिकी खुफिया एजेंसी FBI के पास हैं।
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चीन पर लगते रहे हैं कोरोना फैलाने के आरोप
दिसंबर 2019 में कोरोना का पहला केस चीन के वुहान में सामने आया था। चीन से ही कोरोना धीरे-धीरे पूरी दुनिया में फैला। कई रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया था कि वुहान की इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी लैब से लीक हुआ था। वहीं लैब लीक थ्योरी इस बात पर टिकी है कि संयोग से कोरोना उसी वुहान शहर से फैला, जहां एक लैब चमगादड़ कोरोना वायरस पर स्टडी करती है। चमगादड़ों में पाया जाने वाले ये कोरोना वायरस दुनियाभर में इंसानों में कोविड फैलने के लिए जिम्मेदार SARS-COV-2 वायरस यानी कोरोना वायरस के करीबी हैं। चीन शुरू से ही लैब लीक थ्योरी को नकारता आया है। चीन ने कई बार दावा किया कि कोरोना वुहान के होलसेल सी-फूड मार्केट यानी जानवरों के मार्केट के जरिए इंसानों तक पहुंचा।