भोपाल. सैम बैंकमैन-फ्राइड महज 30 साल के हैं। दुनिया के तीसरे सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स के मालिक और सबसे अमीर क्रिप्टो मिलियनेयर्स में से एक हैं। कुल संपत्ति 1.54 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा है। उनके क्रिप्टो एक्सेचेंज की वैल्यू भी उनकी संपत्ति से दोगुनी यानी 3.4 लाख करोड़ रुपए है। इन सबसे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह कितनी आलीशान जिंदगी जीते होंगे। अरबपतियों की तरह एग्जीक्यूटिव सूट, महंगी घड़ियां पहनते होंगे, आलीशान कार में सफर करते होंगे।लेकिन आप गलत सोच रहे हैं। सैम कॉलेज स्टूडेंट की तरह जीते हैं।
कैजुअल कपड़े पहनते हैं, अपनी डेस्क के पास रखे बीनबैग पर सो जाते हैं और गेमिंग चेयर पर ही काम करते हैं। यही नहीं, वह सामान्य कार में चलते हैं। वे विला या बंगले में नहीं, बल्कि एक इमारत के ऐसे पेंटहाउस में रहते हैं, जहां 10 रूममेट हैं।
अपने पास नहीं रखेंगे दौलत
हाल ही में सैम ने खुलासा किया है कि वह इतनी दौलत अपने पास नहीं रखना चाहते हैं। दरअसल, सैम प्रभावी परोपकारिता के सिद्धांत पर चलना चाहते हैं, जिसके बारे में उन्होंने कॉलेज में सीखा था। यह सिद्धांत कहता है कि ऐसे कारण ढूंढो, जिनसे आप दूसरों की अधिक से अधिक मदद कर सको। सैम ने 2019 में क्रिप्टो एक्सचेंज बनाने के बाद खूब दौलत बनाई। हालांकि उनकी सोच जरा भी नहीं बदली है। सैम का उद्देश्य अधिक से अधिक संपत्ति बनाना है, ताकि उतनी ही ज्यादा संपत्ति वे दान कर सकें। वे अपनी कमाई का महज एक प्रतिशत हिस्सा अपने पास रखना चाहते हैं, ताकि निश्चिंत होकर बाकी जीवन जी सके। बाकी पूरी संपत्ति वे दान करना चाहते हैं।