DAVOS. भारत के कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम में तारीफ हुई थी। इस बीच दवा निर्माण को लेकर दुनियाभर में मशहूर अमेरिकी कंपनी फाइजर की दावोस में भद पिट गई। दावोस इकोनॉमिक समिट (DES) में हिस्सा लेने फाइजर के सीईओ अलबर्ट बोर्ला भी पहुंचे थे। फाइजर ने अपनी कोरोना वैक्सीन के बेहतर होने का दावा किया था, लेकिन बाद में पलट गए। दावोस में जर्नलिस्ट्स ने सड़क पर चलते हुए ही बोर्ला से तीखे सवाल पूछे, लेकिन वे कोई जवाब नहीं दे पाए। बोर्ला ना केवल असहज दिखे, बल्कि पत्रकारों के प्रश्नों अनसुना भी किया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
जर्नलिस्ट्स ने सीईओ बोर्ला से 15 से ज्यादा सवाल पूछे, जिस पर बोर्ला बिना कोई जवाब दिए चलते रहे
पत्रकारों ने बोर्ला से पूछा कि कंपनी ने इस फैक्ट को छिपाया कि आपकी वैक्सीन वायरस के फैलाव को नहीं रोक पाई। यही नहीं सवाल ये भी पूछा गया कि फाइजर ने पहले कहा था कि यह 100% प्रभावी है, फिर 90%, फिर 80%, फिर 70%, लेकिन अब हम जानते हैं कि टीके फैलाव को नहीं रोकते। आपने तथ्य क्यों छिपाए?
फाइजर के सीईओ से ये सवाल भी पूछा गया कि जिन देशों ने गैर-प्रभावी टीके खरीदे, क्या उनको रिफंड देंगे? क्या अब दुनिया से माफी मांगेगे? आपके प्राइवेट जेट का क्या हुआ? कंपनी के सीईओ से 15 से ज्यादा सवाल पूछे गए, लेकिन उन्होंने बहुत-बहुत धन्यवाद कहकर सवालों को टाल दिया। अंत में जर्नलिस्ट्स ने ये तक कह दिया- Shame on You यानी आपको शर्म आनी चाहिए।
मामले पर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने
दावोस में फाइजर के सीईओ का वीडियो सामने आने के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भी ट्वीट किया- सभी भारतीयों को याद दिला दूं कि इसी फाइजर कंपनी ने इंडेम्निटी यानी हानि से सुरक्षा की शर्त मानने के लिए भारत को धमकाया था। राहुल, चिदंबरम और जयराम रमेश की तिकड़ी कोविड काल में ऐसी विदेशी वैक्सीन का गुणगान कर रहे थे।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस पर जवाबी ट्वीट करते हुए राजीव चंद्रशेखर पर हमला बोला- यह पूरी तरह से बकवास है मंत्री जी। चिकने खंभे पर चढ़ने की आपकी महत्वाकांक्षा आपको पहले से ज्यादा झूठा ना बना दे।
राहुल ने भी फाइजर टीके को लेकर की थी टिप्पणी
जब दुनिया में फाइजर की पहली वैक्सीन तैयार हुई था तो राहुल गांधी ने ट्वीट किया था- भारत सरकार यह सुनिश्चित करे कि ये वैक्सीन भारतीयों को भी उपलब्ध हो। हालांकि, बाद में भारत ने अपनी दो वैक्सीन (भारत बायोटेक की कोवैक्सिन और सीरम इंस्टीट्यूट की कोवीशील्ड) तैयार कर ली थी। तब फिर राहुल ने ट्विट किया- भले ही फाइजर ने एक आशाजनक टीका बनाया, इसे हर भारतीय को उपलब्ध कराने के लिए लॉजिस्टिक्स पर काम करने की जरूरत है। भारत सरकार वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन की स्ट्रैटजी को परिभाषित करे कि यह कैसे हर भारतीय तक पहुंचेगी।
फाइजर ने भारत में वैक्सीन की बिक्री के लिए अप्लाई किया था, लेकिन वह चाहता था कि टीके से होने वाले किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी उसकी ना हो। भारत सरकार ने कंपनी की इस शर्त को नहीं माना था।
????WE CAUGHT HIM! Watch what happened when @ezralevant and I spotted Albert Bourla, the CEO of Pfizer, on the street in Davos today.
We finally asked him all the questions the mainstream media refuses to ask.
Full story: https://t.co/wHl204orrX
SUPPORT: https://t.co/uvbDgOk19N pic.twitter.com/c3STW8EGH3
— Avi Yemini (@OzraeliAvi) January 18, 2023