वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ल्ड ट्रेड आर्गनाइजेशन को दे डाली नसीहत, कहा- डब्ल्यूटीओ केवल सुनाए नहीं, सुने भी

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Rajeev Upadhyay
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ल्ड ट्रेड आर्गनाइजेशन को दे डाली नसीहत, कहा- डब्ल्यूटीओ केवल सुनाए नहीं, सुने भी

International Desk. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं। उन्होंने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि डब्ल्यूटीओ के लिए आज का संदेश अधिक खुलेपन वाला होना चाहिए। उसे उन देशों की आवाज सुनने के लिए अधिक जगह देनी होगी, जिनके पास सुनने के अलावा कहने के लिए भी कुछ अलग है। उन्होंने दो टूक कहा कि शायद मेरी अभिव्यक्ति को वैश्विक मीडिया में कभी जगह नहीं मिली लेकिन अब ग्लोबल साउथ के कई देशों की भी यही भावना है। उन्होंने साफ कहा कि इंडिया चाहता है कि विश्व व्यापार संगठन और अधिक प्रगतिशील बने और सभी देशों की बात सुने, केवल सुनाए नहीं। 



कुछ मेरी सुनो, कुछ अपनी कहो




वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण अमेरिकी थिंक टैंक पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स की ओर से आयोजित टॉक में बोल रही थीं। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि - मैं चाहूंगी कि डब्ल्यूटीओ अधिक प्रगतिशील हो, सभी देशों की बात सुने और सभी सदस्यों के प्रति निष्पक्ष रहे। सौभाग्य से मैने 2014 से 2017 के बीच भारत के वाणिज्य मंत्री के तौर पर डब्ल्यूटीओ के साथ कुछ समय बिताया। उन देशों की आवाज सुनने के लिए डब्ल्यूटीओ को और जगह देनी होगी जिनके पास सुनने के अलावा कहने के लिए भी कुछ अलग है। डब्ल्यूटीओ के लिए आज का संदेश अधिक खुलापन होना चाहिए। 




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    वित्त मंत्री ने अमेरिकी वाणिज्य मंत्री कैथरीन ताई के शब्दों को याद करने पर बल दिया। वे बोलीं कि अब ये सवाल ग्लोबल साउथ के कई देशों के मन में है। यह एक ऐसा समय है जब विभिन्न देश इस बात पर विचार कर रहे हैं कि आप किस हद तक बाजार का उदारीकरण चाहते हैं? अमेरिकी अर्थव्यवस्था ने इसकी कीमत चुकाई है, अमेरिकी वाणिज्य सचिव की चिंता उसी से संबंधित है। वर्ष 2014 और 2015 के दौरान वाणिज्य मंत्री के तौर पर मुझे भी ऐसा ही महसूस हुआ था। शायद मेरी अभिव्यक्ति को वैश्विक मीडिया में कभी जगह नहीं मिली, पर अब ग्लोबल साउथ के कई देशों की भी यही भावना है।




    निर्मला सीतारमण ने कहा कि अब भारत में कोटा मुक्त, टैरिफ मुक्त व्यापार प्रणाली को अमल में ला रहे हैं। इसलिए कोई भी देश, चाहे वह अफ्रीका का हो या प्रशांत क्षेत्र का, आकांक्षी हो या कम आय वाला देश हो भारत में निर्यात कर सकते हैं। हम जहां तक संभव हो सके बाजार को खोल रहे हैं। 



    भारत का ध्यान कौशल विकास और डिजिटलीकरण पर




    वित्तमंत्री ने कहा कि भारत का ध्यान कौशल और डिजिटलीकरण पर होने जा रहा है ताकि जीवन यापन, पारदर्शिता और अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने में अधिक आसानी हो। सीतारमण ने सोमवार को पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक थिंक टैंक में एक बातचीत में कहा कि सरकार का दृष्टिकोण गरीब लोगों को कम से कम बुनियादी सुविधाओं के साथ सशक्त बनाना है।


    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण Finance Minister Nirmala Sitharaman कहा- डब्ल्यूटीओ केवल सुनाए नहीं वर्ल्ड ट्रेड आर्गनाइजेशन को दे डाली नसीहत said - WTO should not only tell Gave advice to the World Trade Organization
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