17 साल के नाहेल की मौत के बाद हिंसा की चपेट में फ्रांस, मैक्रों ने सड़क पर उतारे 50 हजार जवान, लेकिन नहीं थम रहा दंगा

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Rahul Garhwal
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17 साल के नाहेल की मौत के बाद हिंसा की चपेट में फ्रांस, मैक्रों ने सड़क पर उतारे 50 हजार जवान, लेकिन नहीं थम रहा दंगा

इंटरनेशनल डेस्क. फ्रांस में 17 साल के नाहेल की मौत के बाद हिंसा भड़की हुई है। ये पिछले एक दशक का सबसे भयानक दंगा बताया जा रहा है। प्रदर्शनकारी खुलेआम अंधाधुंध फायरिंग कर रहे हैं। लूटपाट और आगजनी जारी है। अरबों की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। राष्ट्रपति मैक्रों ने 50 हजार से ज्यादा जवान सड़क पर उतार दिए हैं, लेकिन हालात काबू में नहीं आ रहे हैं।



बस ट्रांसपोर्ट ठप, कई बसें जलाई



पेरिस में हिंसा की वजह से बस ट्रांसपोर्ट ठप हो गया है और दर्जनों बसें जला दी गई हैं। प्रदर्शनकारी दुकान, दफ्तर, बैंक, शॉपिंग मॉल, लाइब्रेरी और स्कूलों को निशाना बना रहे हैं। फ्रांस की पीएम एलिजाबेथ बोर्न ने मंत्रियों के साथ बैठक के बाद ऐलान किया कि वो फ्रांस में इमरजेंसी की घोषणा कर सकती हैं। फ्रांस में दंगे के तीसरे दिन 249 पुलिसकर्मी घायल हुए। पुलिस 875 से ज्यादा हिंसा फैलाने वालों को गिरफ्तार किया है। फ्रांस के राष्ट्रपति ने हिंसा फैलने के लिए सोशल मीडिया और बच्चों की खराब परवरिश को दोषी बताया है।



लूटपाट कर रहे हैं दंगाई



प्रदर्शनकारी लूटपाट करने पर आमादा हैं। दंगे रोकने के लिए 50 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी सड़कों पर तैनात किए गए हैं। प्रदर्शनकारी दरवाजे तोड़ने के लिए कार का इस्तेमाल कर रहे हैं। दरवाजा टूटते ही भीड़ अंदर घुस जाती है और सब लूट लेती है।



फ्रांस के कई शहरों में कर्फ्यू



फ्रांस के पूर्वी शहर स्ट्रासबर्ग में दिनदहाड़े लूटपाट हुई। दंगाइयों ने एप्पल स्टोर और दूसरी दुकानों को निशाना बनाया। पर्यटकों के बीच लोकप्रिय विएक्स-पोर्ट जिले में युवाओं ने पुलिस की गाड़ियों पर पथराव किया। पुलिस ने दक्षिणी शहर मार्सिले में आंसू गैस का इस्तेमाल करके प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की। पेरिस में कम से कम 3 शहरों और देश के कई शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।



राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने की आपात बैठक



फ्रांस में बिगड़े हालात को देखते हुए राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने आपात बैठक की। मैक्रों ने नाहेल की मौत की निंदा की। प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न ने देशभर में बड़े पैमाने पर होने वाले कार्यक्रमों को रद्द करने की घोषणा कर दी है। हिंसा के बाद कुछ मार्गों पर बसों और ट्रामों की आवाजाही रात 9 बजे के बाद बंद हो गई है। सरकार ने बड़े पटाखों और ज्वलनशील तरल पदार्थों की बिक्री पर बैन लगा दिया है।



फ्रांस में क्यों भड़की हिंसा



फ्रांस में पेरिस से लगे नानटेरे में 17 साल के लड़के नाहेल की गोली लगने से मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि मरने वाला नौजवान कथित तौर पर गलत तरीके से कार चला रहा था। उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं था। जब उसने भागने की कोशिश की तो गोली चलानी पड़ी। मरने वाला नाबालिग अफ्रीकी मूल का था, लेकिन पुलिस की पोल वारदात के वीडियो ने खोल दी। वीडियो में साफ-साफ दिखता है कि नानटेरे की एक सड़क पर 2 पुलिस अफसर पीले रंग की कार को रोक कर बातचीत करते हैं। इस दौरान कुछ बहस होती है और ड्राइवर अचानक कार को तेजी से दौड़ाता है। तभी पुलिस अफसर ड्राइवर के सिर में गोली मार देता है और ये कार आगे जाकर दीवार से टकरा जाती है। 17 साल के नाबालिग की मौके पर ही मौत हो जाती है।



पुलिस के दावे झूठे



पुलिस के झूठे दावों की पोल खुलने के बाद लोगों का गुस्सा भड़क उठा और पेरिस समेत पूरे फ्रांस में आगजनी और लूटपाट शुरू हो गई। आपके बता दें कि फ्रांस में दंगे-फसाद होते रहते हैं। कभी यहां फुटबॉल में मोरक्को की हार पर हिंसा होती है, तो कभी पेंशन रिफॉर्म बिल पर हंगामा खड़ा हो जाता है।



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नाहेल की मां ने लगाए आरोप



नाहेल की मां मौनिया ने कहा कि मैं पुलिस को दोष नहीं देती, मैं एक व्यक्ति को दोषी ठहराती हूं, जिसने मेरे बेटे की जान ले ली। मौनिया ने एक पुलिस अधिकारी पर हत्या का आरोप लगाया, जिसे गुरुवार को अरेस्ट कर लिया गया था। मौनिया ने कहा कि जिस पुलिसवाले ने गोली मारी। उसने एक अरब चेहरा देखा, एक छोटा बच्‍चा देखा और उसकी जान लेना चाहता था।


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