International Desk. पाकिस्तान की माली हालत तो लंबे समय से ठीक नहीं है वहीं अब वहां यह हालात हो गए हैं कि खुद सरकार को ही धरना देना पड़ रहा है। पाकिस्तान की सत्तारूढ़ पार्टी पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को गिरफ्तारी से राहत दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर रही है। धरने की अगुवाई जमीयत-ए-उलेमा- इस्लाम फजल के नेता मौलाना फजल-उर-रहमान कर रहे हैं वहीं उनके साथ पीएमएलन की वाइस प्रेसिडेंट मरियम नवाज भी आवाज बुलंद कर रही हैं। हालात यह हैं कि पाकिस्तान की संसद ने वहां के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल के खिलाफ रेफरेंस प्रपोजल लाने पर भी मुहर लगा दी है।
बुशरा बेगम को मिली गिरफ्तारी से छूट
इधर अल कादिर ट्रस्ट केस में इमरान खान की पत्नी बुशरा बेगम को 23 मई तक गिरफ्तारी से राहत दे दी गई है। इमरान खान और बुशरा बेगम आज लाहौर हाईकोर्ट पहुंचे थे जहां 4 मिनिट की सुनवाई के बाद ही बुशरा बेगम को प्रोटेक्टिव बेल प्रदान कर दी गई।
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सुप्रीम कोर्ट पर लगाया पक्षपात का आरोप
इधर सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने संसद में कहा कि पहले सुना करते थे कि पर्चे लीक होते हैं। अब सुनने मिलता है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले भी लीक हो रहे हैं। आप इंसाफ के लिए बैठे हैं, किसी की मदद के लिए नहीं। आसिफ ने संसद में यह तक कह डाला कि हर बेंच पर यही तीन मसखरे बैठे मिलते हैं, दरअसल आसिफ इमरान खान को राहत देने वाले 3 जजों के बारे में यह टिप्पणी कर रहे थे।
संसदीय कमेटी बनाने को मंजूरी
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने संसद में कहा कि चीफ जस्टिस बंदियाल के इमरान को रिहा करने के फैसले की जांच के लिए एक संसदीय कमेटी का गठन होना चाहिए। इसके बाद संसद में बहस के दौरान चीफ जस्टिस के खिलाफ रेफरेंस लाने को मंजूरी दे दी गई।
इमरान का आरोप- सरकार 10 साल जेल में डालना चाहती है
इधर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान सोशल मीडिया पर लिखा कि सरकार बुशरा बेगम को अरेस्ट कर मुझे नीचा दिखाना चाहती है। उन्होंने नवाज शरीफ की तरफ इशारा करते हुए लिखा कि लंदन में प्लान बन चुका है। मुल्क से गद्दारी का आरोप लगाकर सरकार मुझे 10 साल जेल में डालने की तैयारी कर रही है।