Washington. भारतीयों के लिए अमेरिका में रहना और काम करना अब आसान होने जा रहा है। बाइडन प्रशासन कुशल कामगारों को अमेरिका में आने और उनके वहां बने रहने में मदद के लिए एच-1बी वीजा के नियमों में बदलाव कर रहा है। भारतीय पेशेवरों को अब अपने कार्य वीजा यानी एच-1बी वीजा के नवीनीकरण के लिए स्वदेश की यात्रा नहीं करनी पड़ेगी। अमेरिका में रहकर ही वे वीजा का नवीनीकरण करा सकेंगे और अपनी नौकरी जारी रख सकेंगे। इस निर्णय से अमेरिका के इंजीनियरिंग और दूसरे उच्च प्रौद्योगिकी में काम करने वाले भारतीयों को सबसे ज्यादा सहूलियत होगी। अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच गुरुवार (21 जून) को यहां व्हाइट हाउस में हुई द्विपक्षीय बैठक से पहले यह पहल की गई है।
क्या होता है एच-1बी वीजा
एच-1बी वीजा एक अप्रवासी वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विशेषज्ञता वाले पेशों में विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने की अनुमति प्रदान करता है। एच-1बी वीजा धारक अपने बच्चों और पति/पत्नी के साथ अमेरिका में रह सकता है। यह वीजा एक बार में तीन साल के लिए जारी किया जाता है। हालांकि इसे छह साल तक बढ़ाया जा सकता है। यह लाभ भारतीयों के साथ-साथ अन्य देशों के कुशल श्रमिकों को भी मिलेगा। अभी यह प्रक्रिया पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की जा रही है। अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय इस वर्ष के अंत में कुछ खास तरह के अस्थायी वर्क वीजा के अमेरिका में नवीनीकरण करने की भी शुरूआत करने वाला है।
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अमेरिका हर साल जारी करता है 65,000 एच-1बी वीजा
अमेरिका में एच-1बी वीजा वाले भारतीयों की संख्या अधिक है। पिछले साल अमेरिका आए लोगों में से 73 प्रतिशत ऐसे थे, जिनके पास यह वीजा था। अमेरिका हर साल लगभग 65,000 एच-1बी वीजा जारी करता है। कंपनियां कुशल विदेशी कामगारों को नियुक्त करती हैं।
2022 में भारतीय छात्रों को 1,25,000 वीजा जारी किए
अधिकारी ने बताया कि अमेरिका ने पिछले साल भारतीय छात्रों को 1,25,000 वीजा जारी किए जोकि एक रिकार्ड है। पिछले वर्ष इस संख्या में 20 प्रतिशत वृद्धि होने के साथ वे अमेरिका में सर्वाधिक संख्या वाले विदेशी छात्र समुदाय बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।