INTERNATIONAL DESK. स्वीडन में इस्लाम धर्म के पवित्र ग्रंथ कुरान जलाने की घटना तूल पकड़ चुकी है। पूरे विश्व में इस घटना पर चर्चा हो रही है। भारत ने भी घटना के विरोध में पाकिस्तान के प्रस्ताव का समर्थन किया है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ की ह्यूमन राइट्स काउंसिल में पाकिस्तान का साथ दिया है। इस घटना को लेकर पाकिस्तान ने UNHRC में एक प्रस्ताव रखा था। इस पर भारत ने भी पाकिस्तान के समर्थन में वोट किया है। ड्राफ्ट प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी गई।
इस प्रकार की घटनाओं में सख्त कार्रवाई की मांग का प्रस्ताव
इस्लाम धर्म के पवित्र ग्रंथ कुरान को जलाने के मामले में सभी इस्लामिक देशों के साथ यूरोपीय संघ, पोप फ्रांसिस और खुद स्वीडन की सरकार ने निंदा की थी। पाकिस्तान ने अपने प्रस्ताव में कुरान जलाने जैसी घटनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की थी। इस पर भारत ने भी पाकिस्तान के समर्थन में वोट किया है। हालांकि, अमेरिका और यूरोपियन यूनियन समेत कई पश्चिमी देशों ने फ्रीडम ऑफ स्पीच का हवाला देते हुए इस प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया।
प्रस्ताव क्या था?
पाकिस्तान का प्रस्ताव ‘मजहबी नफरत बढ़ाने वाली गतिविधियों’ के खिलाफ उपाय किए जाने के लिए था। यूएनएचआरसी में पेश किए गए इस प्रस्ताव पर कुल 47 सदस्य देशों में से 12 देशों ने विरोध किया। इन देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, जर्मनी, रोमानिया लिथुआनिया, कोस्टा रीका और फिनलैंड भी शामिल है। OIC यानी ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन के शामिल 19 देशों ने पाक के प्रस्ताव का समर्थन किया। पाकिस्तान ने UNHRC में ये प्रस्ताव OIC देशों के कहने पर ही लाया था। चीन ने भी पाक के समर्थन में वोट किया। वहीं, नेपाल समेत 7 देशों ने किसी का समर्थन नहीं करते हुए वोटिंग ही नहीं की।
नफरत को बढ़ाने का काम करती हैं ऐसी घटनाएं
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद UNHRC में प्रस्ताव पर बहस के दौरान मुस्लिम देशों का कहना था कि कुरान जलाने जैसी घटनाएं नफरत को बढ़ाने का काम करती हैं। फ्रीडम ऑफ स्पीच के नाम पर इस तरह की घटनाओं को बढ़ने नहीं दिया जा सकता है। प्रस्ताव के खिलाफ वोट करने वालों में ब्रिटेन, बेल्जियम, जर्मनी, रोमानिया, लिथुआनिया, कोस्टारिका और फिनलैंड भी शामिल रहे। वहीं 12 देशों ने इस प्रस्ताव के विरोध में वोट किया और 7 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।
ईद पर स्वीडन में जलाई गई थी कुरान
स्वीडन में 28 जून को ईद-अल-अजहा पर स्टॉकहोम की एक मस्जिद के बाहर एक शख्स ने कुरान जलाकर प्रदर्शन किया था। आरोपी ईराकी नागरिक है। इसके लिए उसे स्वीडिश सरकार से परमिशन मिली थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अभिव्यक्ति की आजादी के तहत एक दिन के प्रदर्शन के लिए ये इजाजत दी गई थी। इस प्रोटेस्ट में सिर्फ एक ही व्यक्ति अपने ट्रांसलेटर के साथ शामिल हुआ था। इस फुटेज में प्रदर्शनकारी कुरान को उछालता और फिर स्वीडन का झंडा लहराता नजर आ रहा है। प्रदर्शन कर रहे शख्स ने कुरान के कुछ पन्नों को फाड़कर उसमें आग लगा दी। इसके बाद उसने स्वीडन का झंडा भी लहराया था। प्रदर्शन देख रहे लोगों में से कुछ उसके पक्ष में नारे लगाए थे। इनके अलावा कुछ लोग विरोध में दिखे। इनमें से एक व्यक्ति ने अरबी में गॉड इज ग्रेट चिल्लाकर प्रदर्शनकारी पर पत्थर भी फेंका। इसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया।